प्रयागराज शहर में जर्जर भवनों की होगी जांच
प्रयागराज शहर में जर्जर भवनों की होगी जांच
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प्रयागराज, 07 सितम्बर। नगर में बीते मंगलवार को बारजा गिरने से हुई पांच मौतों और लगभग एक दर्जन घायलों से जिला प्रशासन जागा है। जिलाधिकारी संजय खत्री ने पीडीए और नगर निगम को जर्जर भवनों की जांच का निर्देश दिया है। जिससे आगे ऐसा कोई हादसा न हो।
उल्लेखनीय है कि शहर दारागंज, चौक, कीडगंज, बताशा मंडी, मुठ्ठीगंज आदि क्षेत्रों में सैकड़ों भवन जर्जर स्थिति में हैं। दारागंज में तो कई मकान ऐसे हैं जो सौ वर्षों से अधिक पुराने हैं। बारिश के दौरान नगर निगम जर्जर भवनों की जांच का दावा तो करता है इसके बाद भवन स्वामी को नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है। वहीं नगर निगम के मुख्य अभियंता का कहना है कि अब शहरों में जर्जर भवनों को चिन्हित किया जायेगा।
वहीं पार्षद किरन जायसवाल ने कहा है कि मकानों से टकरा रहे एवं कमजोर पेड़ों को तत्काल हटाया जाय। शहर के भीतर मकानों से टकरा रहे पेड़ बड़े भीषण हादसा का अंदेशा दे रहे हैं। उन्होंने नगर आयुक्त से इन पेड़ों को छंटाई कराने की मांग की है। कहा कि त्रिवेणी रोड, शंकर लाल भार्गव रोड गौशाला के कमजोर पेड़ एवं मकानों से टकराते पेड़ भयानक हादसा को अंदेशा दे रहे हैं। यही हाल शहर के तमाम इलाकों का है। नगर निगम ऐसे पेड़ों को छंटवाकर होने वाली सम्भावित दुर्घटना को तत्काल रोकने का कार्य करे।
--सौ वर्षों से पुराना था हटिया का जर्जर भवन
मिली जानकारी के अनुसार हटिया में मंगलवार को हुए हादसे में उक्त भवन सात हजार वर्गमीटर में बना है। जिसकी देख-रेख ठाकुरद्वारा ट्रस्ट करता है। इसमें सात दुकानें और छह आवास हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष उमेश चंद्र केसरवानी का कहना है कि भवन सौ साल पुराना है। वहां कई किरायेदार रहते हैं, जो 25-50 रू. मात्र किराया देते थे और कुछ लोग ऐसे भी थे जो नहीं देते थे। बताया कि पिछले वर्ष बैठक हुई थी, जिसमें मकान के मरम्मत की बात कही गयी थी। बैठक में सभी किरायेदार भी थे और उनसे सहयोग मांगा गया था, लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया।