जगन्नाथ मंदिर से उम्मीद में दीघा के व्यापारी, कोरोना काल की मंदी दूर होने की आस
जगन्नाथ मंदिर से उम्मीद में दीघा के व्यापारी, कोरोना काल की मंदी दूर होने की आस

कोलकाता, 29 अप्रैल (।लोकप्रिय समुद्री शहर दीघा के व्यापारी जल्द ही अपने बुरे दिनों को पीछे छोड़ने की उम्मीद कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन ने जहां होटल, दुकान और छोटे व्यापारों को गहरी चोट दी थी, वहीं अब नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन से एक नई शुरुआत की आशा जगी है। व्यापारी जगन्नाथदेव की कृपा से फिर से समृद्धि की राह पर लौटने का सपना देख रहे हैं।
कोरोना संकट के दौरान दीघा के होटल और सड़क किनारे दुकानों पर ताले लटक गए थे। हजारों छोटे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। भले ही समय के साथ जीवन सामान्य हुआ और पर्यटन ने गति पकड़ी, लेकिन महामारी के दौरान हुए भारी नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी थी। अब व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि जगन्नाथ मंदिर के शुभारंभ से उनकी किस्मत चमक सकती है।
पिछले एक दशक में दीघा ने अपने पर्यटन क्षेत्र में काफी विकास देखा है। समुद्र तट को सुदृढ़ किया गया, सड़कें चौड़ी और मजबूत बनीं, तथा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। आज दीघा हर उम्र के लोगों के लिए एक पसंदीदा 'वीकेंड डेस्टिनेशन' बन गया है। समुद्र के किनारे फैली लहरों, ताजे समुद्री खाने और स्थानीय हस्तशिल्प की दुकानों ने दीघा को पर्यटन मानचित्र पर अलग पहचान दिलाई है। अब इसी शहर में मंदिर पर्यटन का एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
30 अप्रैल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों दीघा के जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन होगा। इससे पहले ही शहर में भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। लोग फोन कर मंदिर के दर्शन समय और आरती के कार्यक्रम के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
व्यापारियों को पूरा विश्वास है कि मंदिर को केंद्र बनाकर होटल व्यवसाय, खानपान, हस्तशिल्प और अन्य छोटे कारोबारों में नई जान फूंकी जाएगी।
होटल व्यवसायी बुद्धदेव प्रधान ने कहा कि सामने ही गर्मी की छुट्टियां हैं। इस मौसम में पहले ही पर्यटक आते हैं, अब मंदिर उद्घाटन के चलते भीड़ और बढ़ेगी।
एक अन्य होटल प्रबंधक दीपंकर माझी ने कहा कि अब लोग जगन्नाथजी के दर्शन के लिए पुरी नहीं जा सकेंगे तो वे दिघा का रुख करेंगे। निश्चित रूप से पर्यटन बढ़ेगा। वहीं, स्थानीय व्यापारी आजहरुद्दीन ने कहा कि लॉकडाउन के समय जो भारी नुकसान हुआ था, उसे अब मंदिर के चलते होने वाली भीड़ से पूरा करने की उम्मीद है।