आठ से 65 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागी सीख रहे हैं लोक नृत्य
लखनऊ में शुरू हुई हमारी विरासत लोक संस्कृति कार्यशाला
लखनऊ, 06 मई । लुप्त हो रही लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए लोक संस्कृति की धरोहर मुनाल की ओर से संस्था के संस्थापक दशरथ सिंह बिष्ट व वीरा बिष्ट जी की स्मृति में लोक नृत्य कार्यशाला शुरू की गई। कार्यशाला 20 मई तक चलेगी।
कार्यशाला वजीर हसन रोड स्थित मुनाल बुध बसंती सभागार व पेपर मिल कालोनी में आयोजित की जा रही है। संस्था के निदेशक विक्रम विष्ट ने बताया कि कार्यशाला की प्रस्तुति 21 मई को ’हमारी विरासत कार्यक्रम’ में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी प्रेक्षागृह में किया जाएगा । कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागियों को गढ़वाली, कुमाऊनी, अवध, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी लोक गीतों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। लोक गायन की कार्यशाला वरिष्ठ लोक गायिका ऋचा जोशी के संयोजन में होगी।
कार्यशाला में 8 वर्ष से 65 वर्ष तक के प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। लोक विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी सम्मानित मुनालश्री विक्रम बिष्ट लोक नृत्य का प्रशिक्षण देंगे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाजसेवी सुश्री माया आनंद ने कहा इस तरह की कार्यशाला होती रहनी चाहिए जिससे हमारी संस्कृति हमारी पहचान बन सके। इस अवसर पर कार्यशाला मैं देवेश्वरी पवार, प्रमिला जोशी, शैलजा श्रीवास्तव, कंचन शर्मा, प्रदीप पटेल,चंदू जोशी , मधु माथुर, आशा मौर्य, रागिनी अग्रवाल, प्रसिद्धि जोशी, गीता सिंह, आशू नौटियाल, मानसी बिष्ट आदि प्रतिभागी ने गढ़वाली गीत बोलआंदा बद्री, अवध का गीत सासु की बीनी दरिया रे, भोजपुरी गीत अंगना न सोहे राजा तथा छोटी सी किशोरी, आज तो अवध में बधाई बाजे जैसे कई लोकगीतों का प्रशिक्षण ले रहे हैं।