जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने कई छात्रों को स्कूलों से वंचित कर दिया

जन्म प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने कई छात्रों को स्कूलों से वंचित कर दिया

जम्मू,, 27 अप्रैल (हि.स.)। सरकारी स्कूलों में प्रवेश और परिणाम सत्यापन के लिए जम्मू नगर निगम या अन्य सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किए जाने के चलते कई छात्र स्कूल से वंचित हो रहे हैं। यह बात टीचर्स वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जसमीत सिंह मदान ने कही।

उन्होंने शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू और वर्तमान में आयुक्त/सचिव शिक्षा विभाग का कार्यभार संभाल रहे शांतमनु से अपील करते हुए आग्रह किया कि प्री-प्राइमरी और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित शपथ पत्र के आधार पर भी छात्रों को प्रवेश दिया जाए तथा इस संबंध में शीघ्र आदेश जारी किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की कि पिछले वर्ष जिन छात्रों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट से प्रमाणित जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, उनके परिणाम की सत्यापन प्रक्रिया को भी तुरंत पूरा किया जाए। टीडब्ल्युए ने बताया कि कई अभिभावक विभिन्न स्कूलों के प्रमुखों से अपने बच्चों के प्रवेश के लिए संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उचित जन्म प्रमाण पत्र न होने के कारण वे प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, जिससे इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया काफी धीमी हो गई है।

विशेषकर श्रमिक वर्ग और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के बच्चों के पास आर्थिक व भौगोलिक कारणों से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाते। पहले सरपंच, पुलिस चौकी प्रभारी या थानेदार द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को भी मान्यता दी जाती थी, लेकिन अब केवल सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को ही मान्य किया जा रहा है। इससे पिछले वर्ष शपथ पत्र के आधार पर प्रवेश लेने वाले छात्रों के परिणाम भी रोक दिए गए हैं।

शिक्षक कल्याण संघ ने शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू और श्री सुधांशु जी से मांग की है कि वे तत्काल आदेश जारी कर शपथ पत्र के आधार पर छात्रों के प्रवेश और उनके परिणामों के प्रमाणीकरण को अनुमति दें ताकि छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो।