शहीद सिपाही राघवेन्द्र को दी गई अंतिम सलामी, अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया

मां की गुहार हत्यारों का भी यही हश्र हो, दो बेटों को मिले सरकारी नौकरी

शहीद सिपाही राघवेन्द्र को दी गई अंतिम सलामी, अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया

रायबरेली,02 मार्च । उमेश पाल हत्याकांड में घायल सिपाही राघवेन्द्र सिंह ने बुधवार की शाम एसपीजीआई में अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को रायबरेली पुलिस लाइन लाया गया। पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने शहीद राघवेन्द्र को सलामी दी। इसके पहले पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सिपाही राघवेंद्र के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी और हर संभव मदद का भरोसा दिया।

अपर पुलिस महानिदेशक सतीश गणेश, पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सिपाही के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और पुष्पचक्र अर्पित किए। पुलिस लाइन में परम्परागत रूप से उन्हें अंतिम सलामी भी दी गई। इसके बाद पार्थिव शरीर को पुलिस वाहन से पैतृक गांव कोरिहर ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मां ने कहा, अपराधियों के साथ भी वैसे ही सलूक होना चाहिए

मां अरुणा सिंह ने कहा कि हमारे घर का सहारा चला गया, उसको अपराधियों ने बेवजह मार दिया। नम आंखों से मां अरुणा ने कहा कि सरकार हमारी मदद करें, हमारे दो बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाए। जिससे परिवार पर आये इस संकट से हम उबार सकें। साथ ही शहीद की मां ने एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दिए जाने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि जैसे मेरे बेटे को अपराधियों ने मार दिया, ऐसा ही सलूक उनके साथ भी होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बीती 24 फरवरी को उप्र के प्रयागराज जनपद के धूमनगंज इलाके में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की अतीक अहमद के गुर्गों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात सिपाही संदीप निषाद पहले ही दम तोड़ चुके थे। जबकि शूटआउट कांड में घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह का इलाज लखनऊ के एसपीजीआई में चल रहा था। उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली थी। उनकी मौत के बाद से परिवार पर मातम पसर गया। अपने घर की जिम्मेदारी उठाने वाला राघवेंद्र एकलौता शख्स था।