रामगंगा पुल हादसा: लापरवाही के चलते तीन दोस्तों की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

रामगंगा पुल हादसा: लापरवाही के चलते तीन दोस्तों की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

रामगंगा पुल हादसा: लापरवाही के चलते तीन दोस्तों की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

बरेली, 25 नवंबर (हि.स.) । रामगंगा नदी पर बने पुल पर हुए दर्दनाक हादसे में तीन दोस्तों की मौत के बाद प्रशासनिक लापरवाही उजागर हो रही है। यह घटना तब हुई जब तीनों युवक अपनी कार से पुल पार करने का प्रयास कर रहे थे। पुल के बरेली की ओर का एप्रोच रोड बारिश में बह जाने के बावजूद इसे बंद करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए थे।

इस प्रकार हुई थी घटना

24 नवंबर की सुबह तीनों दोस्त वेगनआर कार (UP14 HT 3094) में बदायूं से बरेली की ओर जा रहे थे। स्थानीय लोगों ने उन्हें चेताया कि पुल का बरेली की ओर का हिस्सा टूटा हुआ है, लेकिन वे गूगल मैप पर निर्भर रहते हुए आगे बढ़ गए। पुल पर चढ़ते ही उनकी कार टूटी हुई सड़क से नदी में जा गिरी, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।

लापरवाही के बड़े कारण

1. एप्रोच रोड बहना और चेतावनी का अभाव

बरसात के कारण एप्रोच रोड पहले ही बह चुका था, लेकिन इसे बंद करने के लिए मजबूत अवरोधक, चेतावनी संकेतक, या रिफ्लेक्टर बोर्ड नहीं लगाए गए थे।

2. अस्थायी अवरोधकों की चोरी

कुछ समय पहले पुल पर लगाए गए अवरोधकों को अज्ञात लोगों द्वारा हटा दिया गया था, जिससे यह हादसा हुआ।

3. गूगल मैप का अपडेट न होना

गूगल मैप पर इस मार्ग को बंद दिखाने के लिए अपडेट नहीं किया गया था, जिससे वाहन चालकों को सही जानकारी नहीं मिल सकी।

शिकायत और कार्रवाई की मांग

हादसे के बाद क्षेत्र के नायब तहसीलदार छविराम ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, अवर अभियंता और गूगल मैप प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने मांग की है कि दोषी अधिकारियों पर लापरवाही की धाराओं में कार्रवाई की जाए। गूगल मैप पर गलत मार्ग दिखाने के लिए भी जवाबदेही तय हो।

पुल की सुरक्षा को लेकर तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं।

प्रशासन ने की शुरुआती कार्रवाई

हादसे के बाद प्रशासन ने बदायूं की ओर पुल पर लाल झंडे और नए अवरोधक लगाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि ये कदम पहले उठा लिए गए होते तो इस हादसे को रोका जा सकता था।

स्थानीय लोगों की नाराजगी

स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि पुल की मरम्मत और सुरक्षा को लेकर समय पर ध्यान नहीं दिया गया, जबकि वे कई बार अधिकारियों को चेतावनी दे चुके थे।

यह हादसा प्रशासन और संबंधित विभागों की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। अब देखना यह है कि इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों पर क्या कार्रवाई होती है।