जब मीरजापुर से बैंडिट क्वीन फूलन देवी बनी सांसद

जब मीरजापुर से बैंडिट क्वीन फूलन देवी बनी सांसद

जब मीरजापुर से बैंडिट क्वीन फूलन देवी बनी सांसद

लखनऊ, 26 मई (हि.स.)। विंध्य की पहाड़ियों और मां विंध्याचल की गोद में बसा मीरजापुर पीतल उद्योग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। राजनीतिक दृष्टि से यह जिला बड़ा अहम माना जाता है। इस सीट ने कई अहम नेता देश और प्रदेश को दिए हैं। मीरजापुर लोकसभा सीट से फूलन देवी दो बार सांसद निर्वाचित हो चुकी हैं।

सपा के टिकट पर जीतीं फूलन देवी

मीरजापुर लोकसभा सीट से पहली बार जालौन में जन्मी बैंडिट क्वीन फूलन देवी ने 1996 के आम चुनाव में जीत हासिल की थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने फूलन देवी को उम्मीदवार बनाया था, जहां सपा की लहर में फूलन देवी को जीत मिली थी। फूलन देवी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वीरेन्द्र सिंह को हराया था। फूलन देवी को 297998 (42.48%) वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह को 260952 (37.19%) वोट प्राप्त हुए। इस चुनाव में कुल 61 प्रत्याशी मैदान में थे। कुल 7 लाख 1 हजार 580 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव में 54.49 फीसदी वोटिंग हुई। उल्लेखनीय है कि बैंडिट क्वीन फूलन देवी ने अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेने के बाद सरेंडर करके जेल चली गईं थी। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी पर दर्ज मुकदमें वापस लेने के बाद उन्हें जेल से रिहा कराया। बाद में फूलन देवी को उन्होंने मिर्जापुर से पार्टी का प्रत्याशी बनाया।

दूसरा चुनाव हारीं फूलन

मीरजापुर से 1996 में चुनाव जीतकर फूलन देवी पहली बार सांसद बनीं। 1998 में 12वीं लोकसभा के चुनाव में सपा ने फूलन देवी को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा। इस चुनाव में भाजपा के वीरेन्द्र सिंह ने उन्हें शिकस्त दी। वीरेन्द्र सिंह को 346635 (40.68%) वोट मिले। वहीं फूलन के खाते में 293858 (34.48%) वोट आए। 47,777 वोट के अंतर से वीरेन्द्र सिंह ने जीत हासिल की। इस चुनाव में कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे। चुनाव में 64.58 फीसदी वोटिंग हुई।

1999 में जीतीं बैंडिट क्वीन

13वीं लोकसभा के गठन के लिए 1999 में हुए चुनाव में सपा ने तीसरी बार फूलन देवी को अपना उम्मीदवार बनाया। चुनाव में फूलन का मुकाबला भाजपा के वीरेन्द्र सिंह से था। मुकाबले में फूलन देवी ने बाजी मारी। फूलन को 290849 (37.72%) वोट मिले। वहीं मौजूदा सांसद वीरेन्द्र सिंह के खाते में 206373 (26.76%) वोट आए। चुनाव में कुल 17 प्रत्याशी मैदान में थे। इस चुनाव में कुल 7 लाख 71 हजार 124 वोटरों ने अपने मताधिकार को प्रयोग किया। चुनाव में 57.69 फीसदी वोटिंग रिकार्ड हुई। इस चुनाव को जीत कर फूलन दोबारा सांसद बनी। हालांकि कार्यकाल पूरा करने से पहले 25 जुलाई 2001 को दिल्ली में उनकी हत्या हो गई।