तपती गर्मी में बहादुरगंज के लोगों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, नमाजियों और राहगीरों को पिलाया शर्बत

तपती गर्मी में बहादुरगंज के लोगों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, नमाजियों और राहगीरों को पिलाया शर्बत

तपती गर्मी में बहादुरगंज के लोगों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, नमाजियों और राहगीरों को पिलाया शर्बत

प्रयागराज (बहादुरगंज): इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। सूरज आसमान से आग उगल रहा है और लू के थपेड़ों ने मानो जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। घरों से निकलना दूभर हो गया है और इस चिलचिलाती धूप में थोड़ी सी राहत पाना किसी बड़ी नेमत से कम नहीं। ऐसे कठिन समय में, प्रयागराज के बहादुरगंज इलाके से इंसानियत और आपसी भाईचारे की एक heartwarming खबर सामने आई है, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया है।

बीते शुक्रवार को, जब दोपहर की नमाज (जुमे की नमाज) के बाद तमाम नमाजी बहादुरगंज स्थित साबुन गढ़ मस्जिद से बाहर निकल रहे थे, तो उनका सामना सीधी और तीखी धूप से हुआ। ऐसे में, बहादुरगंज के स्थानीय निवासियों ने एक अत्यंत सराहनीय और नेक पहल की। उन्होंने भीषण गर्मी से बेहाल नमाजियों और मस्जिद के पास से गुजर रहे राहगीरों को राहत पहुँचाने का बीड़ा उठाया।

मस्जिद के ठीक बाहर, कुछ उत्साही युवा और बुजुर्गों ने मिलकर शरबत का स्टॉल लगाया। इस स्टॉल पर ठंडे और ताज़गी भरे शरबत की व्यवस्था की गई थी। जैसे ही नमाजी नमाज अदा कर के बाहर आए, धूप की तपिश उनके चेहरों पर पड़ी। तभी बहादुरगंज के इन नेक लोगों ने आगे बढ़कर उन्हें रोका और सम्मानपूर्वक ठंडा शरबत पेश किया। यह केवल मस्जिद से निकलने वाले लोगों तक सीमित नहीं था, बल्कि उस समय जो भी राहगीर उस रास्ते से गुजर रहे थे और गर्मी से परेशान दिख रहे थे, उन्हें भी प्रेमपूर्वक ठंडा शरबत पिलाया गया।

शर्बत पीते ही लोगों के चेहरों पर जो सुकून और राहत दिखाई दी, वह शब्दों में बयां करना मुश्किल है। गर्मी और प्यास से सूखे होंठों और गले को ठंडे शरबत से जो आराम मिला, उससे लोगों की आँखें चमक उठीं। कई लोगों ने इस अचानक मिली राहत के लिए आयोजकों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया और उन्हें दुआएं दीं।

इस पहल में शामिल स्थानीय लोगों का कहना था कि इस भयानक गर्मी में हर इंसान परेशान है। यह उनका एक छोटा सा प्रयास है ताकि वे कुछ पल के लिए लोगों को गर्मी से निजात दिला सकें। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि वे भविष्य में भी ऐसे सेवा कार्य करते रहेंगे, खासकर जब मौसम की मार लोगों को सताएगी।

बहादुरगंज के लोगों द्वारा उठाया गया यह कदम महज शरबत पिलाने का काम नहीं था, बल्कि यह समाज में सद्भाव, आपसी प्रेम और इंसानियत की भावना का एक जीता जागता उदाहरण है। जब लोग जाति, धर्म या अन्य पहचानों से परे होकर एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आते हैं, तो इससे सामाजिक ताना-बाना मजबूत होता है और भाईचारा बढ़ता है। तपती गर्मी में ठंडे शरबत की यह पेशकश न केवल लोगों को शारीरिक राहत देती है, बल्कि यह दर्शाती है कि कठिन समय में भी मानवता जीवित है और लोगों के दिलों में दूसरों के प्रति संवेदनशीलता बनी हुई है। यह कार्य निश्चित रूप से दूसरों को भी ऐसे नेक कामों के लिए प्रेरित करेगा।