श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : मुस्लिम पक्ष ने केस खारिज करने की मांग कर दाखिल किया प्रार्थना पत्र, सुनवाई 10 फरवरी को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : मुस्लिम पक्ष ने केस खारिज करने की मांग कर दाखिल किया प्रार्थना पत्र, सुनवाई 10 फरवरी को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : मुस्लिम पक्ष ने केस खारिज करने की मांग कर दाखिल किया प्रार्थना पत्र, सुनवाई 10 फरवरी को

मथुरा, 25 जनवरी । श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह अमीन सर्वे मामले पर सुनवाई के लिए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ने बुधवार दोपहर 10 फरवरी की तारीख निश्चित की। हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह अमीन निरीक्षण की मांग की गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने 20 जनवरी को दाखिल प्रार्थना पत्र 7 रूल 11 पर सुनवाई के लिए का प्रार्थना पत्र देते हुए केस को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने 10 फरवरी को दोबारा सुनवाई करेगी।

गौरतलब हो कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 08 दिसंबर को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए विवादित स्थल का कोर्ट अमीन द्वारा निरीक्षण करने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने अमीन निरीक्षण के आदेश दे दिए और वादी पक्ष को 3 दिन में पैरवी के लिए कहा।

श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में कोर्ट अमीन ने निरीक्षण करने एवम मय मानचित्र के रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के मामले पर बुधवार दोपहर बाद अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सुनवाई हुई। अमीन निरीक्षण मामले पर सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष केस के मेंटेवल और नॉन मेंटबल होने पर सुनवाई चाहता था। जिसके लिए सीपीसी की धारा 7 रूल 11 के तहत कोर्ट में एप्लिकेशन दाखिल की। कोर्ट ने इस पर 10 फरवरी की डेट दे दी। अब कोर्ट 10 फरवरी को पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई करेगा।



हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि भगवान बाल कृष्ण वाद में सुनवाई हुई। यह सुनवाई चल रही थी तभी मुस्लिम पक्ष ने 7 रूल 11 का प्रार्थना पत्र लगा दिया। उम्मीद है 10 फरवरी को कोर्ट आदेश का अनुपालन कराएगा और 7 रूल 11 को खारिज करेगा।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वादी पक्ष ने 8 दिसंबर को कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत तथ्य पेश कर अमीन रिपोर्ट का आदेश करा लिया था। जिसकी न कोई सूचना दी, न कोई नोटिस मिले थे। लेकिन जब न्यायालय में पक्ष रक्षा तो कोर्ट ने सुना। 20 जनवरी डेट थी, इसमें उस दिन कोर्ट में 7 रूल 11 लगाया कुछ शपथ पत्र दिए कुछ आपत्तियां दाखिल की। कोर्ट से कहा कि पहले यह तय हो जाए कि यह मुकदमा सुनने योग्य है कि नहीं। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की और तय किया कि पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी।