छठ पर्व पर बोले योगी- यही आस्था भारत की ताकत
छठ पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने भोजपुरी में दी शुभकामनाएं
लखनऊ, 10 नवम्बर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गोमती किनारे छठ घाट पर आयोजित छठ महोत्सव में पहुंचे तो जय श्रीराम, हरहर महादेव के साथ छठ माई के जयकारे से पूरा घाट गूंज उठा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि छठ पर्व बहुत कठिन व्रत है। यह आस्था है। यही आस्था भारत की ताकत भी है। यह कठिन व्रत है। अलग-अलग चरणों में पूरा होता है। भोजपुरी समाज दुनिया में जहां भी है, वह इस पर्व को बड़े उल्लास के साथ आयोजित करता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछला 19 महीने का समय पूरी दुनिया के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण रहा है। कोरोना महामारी ने सामान्य जनजीवन को ही नहीं बल्कि हमारी आस्था को भी प्रभावित किया है। अब भी आप देख रहे होंगे कि अमेरिका, यूके, रूस और चीन में कोरोना के मामले में वृद्धि हुई है। भारत में आप सबकी आस्था के आगे कोरोना पस्त होता हुआ दिखाई दे रहा है। जब कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण में लाने में सफल हुए हैं तब यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि हम लोग लोक आस्था के इस पर्व पर एकत्र होकर अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल ब्रह्म मुहूर्त में आकर सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत को सम्पन्न करेंगे। यह कितना कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है लेकिन यह आस्था है। आस्था में ताकत भी है। यही आस्था भारत की ताकत है। आस्था को सम्मान देना किसी भी समाज के लिए भी और सरकार के लिए भी होता है। इसलिए हम लोगों ने कहा कि जहां-जहां छठ के आयोजन होते हैं, अवकाश घोषित किये जाएं। मुझे प्रसन्नता है कि आप लोगों को इसका आनंद मिला है। स्वाभाविक रूप से इस पर्व जुड़ने का अलग आनंद है।
उन्होंने कहा कि लोक आस्था से जुड़े हुए यह पर्व केवल व्यक्तिगत आस्था का नहीं है। प्रकृति और परमात्मा से भी जुड़ने का एक माध्यम हम सबके सामने प्रस्तुत करता है। प्रकृति के साथ जुड़ने का भी। अगर पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तो हम सब अपने पर्व और त्यौहारों को उसी श्रद्धा के साथ मनाने में सफल होंगे। याद रखना कोई नदी हो, तालाब हो, सरोवर हो, इन सबके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबको लेनी पड़ेगी। आप देखते होंगे कि अर्घ्य देते समय माताएं बहनें जल में खड़े होकर, ठंड की प्रवाह किए बगैर भोजपुरी समाज के लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। काफी देर तक उन्हें खड़ा होना पड़ता है। अगर हमारी नदियां प्रदूषित रहेंगी तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रभाव उनकी आस्था पर भी पड़ेगा। यह पर्व और त्यौहार हमारे संकल्प के साथ जोड़ने की प्रेरणा भी है कि प्रकृति को बचाने के इस अभियान को अपने त्यौहारों को जोड़ें। अपने आयोजनों को जोड़ें। यह बहुत महत्वपूर्ण आयोजन होगा। अगर अपने आयोजनों को प्रकृति के साथ जोड़ पाएंगे तो न केवल वर्तमान के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी बेहतर अवसर दे सकेंगे।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सूर्य षष्ठी की बधाई भोजपुरी में दी तो समाज के लोगों ने करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया। इस मौके पर नगर विकास मंत्री आसुतोष टंडन, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, सचिव मनोज सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।