शिक्षा मंत्री की गाड़ी से जिस छात्रा के टक्कर का किया गया था दावा, वह तृणमूल का झंडा जलाते आया नजर

शिक्षा मंत्री की गाड़ी से जिस छात्रा के टक्कर का किया गया था दावा, वह तृणमूल का झंडा जलाते आया नजर

शिक्षा मंत्री की गाड़ी से जिस छात्रा के टक्कर का किया गया था दावा, वह तृणमूल का झंडा जलाते आया नजर

कोलकाता, 09 अप्रैल। जादवपुर विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय परिसर में तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के झंडे को जलाने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप का केंद्र बने हैं वही इंद्रानुज राय, जिनका नाम पहले भी शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की गाड़ी पर हमले के मामले में सामने आया था।

एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि विश्वविद्यालय के चार नंबर गेट के पास तृणमूल छात्र परिषद के झंडे को आग लगा दी गई। वारदात मंगलवार शाम की है। टीएमसीपी का आरोप है कि यह काम इंद्रानुज राय ने किया। विश्वविद्यालय में तृणमूल छात्र परिषद के अध्यक्ष किशलय राय ने कहा कि हमारे झंडे को इंद्रानुज राय ने खुलेआम जलाया है। बार-बार इस तरह की गुंडागर्दी अब सहन नहीं की जाएगी। अगर वे शासन और विरोध की भाषा समझते हैं, तो हम भी उसी भाषा में जवाब देना जानते हैं।

इस पूरे मामले पर इंद्रानुज राय ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वीकार किया कि तृणमूल छात्र परिषद के झंडे को जलाया गया है, पर उन्होंने इसका बचाव करते हुए कहा, "अगर वे सचमुच लोकतंत्र में विश्वास करते, तो हम भी लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करते। लेकिन वे मारने की कोशिश करते हैं, छात्रों को नोटिस भेजकर डराते हैं। ऐसे में हमारे पास प्रतीकात्मक विरोध के अलावा कोई रास्ता नहीं था।"

इंद्रानुज ने आगे आरोप लगाया कि अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं के ऊपर पानी डाला गया, धमकी दी गई, उनकी लिखित सामग्री फाड़ी गई। इन सबके विरोध में प्रतीकात्मक तौर पर टीएमसीपी का झंडा जलाया गया। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद विवाद और गहरा गया है। टीएमसीपी ने फिर से इंद्रानुज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इस बीच, जब इस घटना पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो जादवपुर विश्वविद्यालय के एसएफआई नेता अभिनव बसु ने कहा कि हम लोकतांत्रिक आंदोलनों में विश्वास करते हैं। किसी भी राजनीतिक संगठन के झंडे को जलाना उचित नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि छात्रों में तृणमूल के प्रति गहरा असंतोष है और जो कुछ भी हुआ, वह तृणमूल के लगातार किए जा रहे अत्याचारों का नतीजा हो सकता है।