उत्तराखण्ड देव भूमि है, इसकी हर चोटी में देवालय हैः योगी आदित्यनाथ
बीरबल साहनी मार्ग स्थित पं. गोविंद वल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में शरू हुआ उत्तराखण्ड महोत्सव
लखनऊ, 09 नवम्बर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी ने उत्तराखण्ड के स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि 9 नवम्बर, 2000 को उत्तराखण्ड की स्थापना हुई थी। आज उत्तराखण्ड 21 वर्ष का हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब अमेरिका, यूके सहित दुनिया कोरोना से प्रभावित है, तब उ.प्र. राम भक्तों के साथ उत्तराखण्ड महोत्सव मना रहा है। मुख्यमंत्री लखनपुरी के बीरबल साहनी मार्ग स्थित पं.गोविंद वल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में मंगलवार से शुरू हुए उत्तरा खण्ड महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अयोध्या के राम मंदिर का फैसला भी 9 नवम्बर को आया था। नवम्बर से भगवान राम के मंदिर का कार्य आगे बढ़ रहा है। महोत्सव का आयोजन उत्तराखण्ड महापरिषद की ओर से किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री एवं पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी और डॉ. हरीश रौतेला को उत्तराखण्ड गौरव सम्मान दिया। उत्तराखण्ड महापरिषद के पूर्व अध्यक्ष स्व. मोहन सिंह विष्ट को अपनी श्रंद्धाजंलि दी। इस अवसर पर कवियत्री करूणा पाण्डेय की पुस्तक शकुनाखर का विमोचन किया।
मुख्य मंत्री इस अवसर पर कहा कि उत्तराखण्ड ने उत्तर प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत, हेमवंती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, पूर्व रक्षा मंत्री के.सी पंत, सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत जैसी उच्च पदस्थ व्यक्तित्व दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जीवन देने का कार्य करता है। उत्तराखण्ड देवभूमि है। इसकी हर चोटी में देवालय है। कार्यक्रम में मिश्रिख के सांसद अशोक रावत, कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, मयंक जोशी आदि भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड वासियों के परिवारों की महिलाओं ने वहां के पारम्परिक लोक नृत्यों और गानों को पेश किया । ऐसा लग रहा था कि उत्तराखण्ड की बयार यूपी में बह रही हो। यहां के लोगों ने वहां की संस्कृति को देखा। महिलाओं ने वहां की पारम्परिक परिधान को पहना हुआ था।
महोत्सव में विभिन्न चीजों के स्टाल भी लगे हुए हैं। जहां लोगों ने खरीदारी भी की। महोत्सव के मीडिया प्रभारी आर.सी कनवॉल ने बताया कि उत्सव 11 नवम्बर तक चलेगा।