अति पिछड़ों को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहता है विपक्ष : ओपी राजभर

अति पिछड़ों को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहता है विपक्ष : ओपी राजभर

अति पिछड़ों को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहता है विपक्ष : ओपी राजभर

लखनऊ, 02 अगस्त । सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा सहित विपक्ष के अन्य दलों द्वारा उनके खिलाफ दिए जा रहे बयानों पर सोमवार को पलटवार किया है।

राजभर ने कहा है कि विपक्ष के नेता अति पिछड़ा समाज को आगे बढ़ते नहीं देख सकता है। विपक्ष के किसी भी नेता ने आज तक सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने की बात नहीं की। यह लड़ाई अकेले वह लड़ रहे हैं। इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगे।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि आज विपक्ष के बड़े नेता अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज की लड़ाई लड़ने के कारण ही उनके विरोधी बने हुए हैं। जबसे वह राजभर समाज की समस्याओं पर चर्चा करने लगे है, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की लड़ाई लड़ रहें है तब से तमाम नेता उन्हें पीछे खींचने की कोशिश कर रहे हैं। यह लड़ाई जारी रहेगी। कितनी भी कोशिश हो वह इन मुद्दों पर पीछे हटने वाले नहीं हैं।

किसी भी नेता की हिम्मत नहीं है कि कोई सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने की बात करें। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट क्या है पिछड़ी जाति को लागू 27 प्रतिशत आरक्षण के बंटवारे पर बनी सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट जिसमें 7 प्रतिशत पिछड़ा, 9 प्रतिशत अति पिछड़ा, 11 प्रतिशत सर्वाधिक पिछड़ा, इसको लागू कराने की विपक्ष के किसी नेता की हिम्मत नहीं पड़ रही हैं। इस मुद्दे को लेकर जब वह लड़ाई लड़ रहे है तो इससे ध्यान भटकाने के लिए अति पिछड़ों को गुमराह करने के लिए ओमप्रकाश राजभर का विरोध किया जा रहा है।

आदिवासी समाज के लिए कोई नहीं करता बात

राजभर ने कहा कि सन् 1952 से चुनाव हो रहें तमाम सरकारें आई और गई क्या किसी ने अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज के विषय में कोई बात नहीं की। आज जब वह अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज के सवाल पर उनके हक अधिकार मान सम्मान की बात बोल रहें है विपक्ष विरोध करने में लगा है। विपक्ष के लोगों से सवाल किया है कि जब वह सत्ता में रहते थे तो क्या अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज की याद आई जो आज अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज के नेता का विरोध कर रहे हैं क्या हक हिस्सेदारी मांगना अपराध है।

आज जब वह इनके हक अधिकार की आवाज बुलन्द कर रहें है उनकी समस्याओं को लेकर लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक लड़ रहे हैं तब सदन में भी अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज के नेताओं ने साथ नहीं दिया। सभी नेता अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज को गुमराह करने में लगे हैं। यह समाज अपने हक अधिकार के प्रति जागरूक ना होने पाए इस कोशिश में हैं। इन नेताओं को सिर्फ इस वर्ग का वोट चाहिए। विपक्ष के लोग जब सत्ता में थे तब अति पिछड़े, अति दलित अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समाज को कितना हिस्सा दिया, उनके ऊपर हो रहे जुल्म ज्याति अत्याचार के ऊपर कौन बोला था।

किसी भी राजभर नेता ने नहीं उठाई आवाज

ओपी राजभर ने कहा कि हाई कोर्ट का आदेश 11 मार्च 2022 को भर/राजभर जाति को दो माह के अंदर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया है। सदन के अंदर इस बात को लेकर जब ओमप्रकाश राजभर ने आवाज उठाई तो पक्ष या विपक्ष का किसी भी राजभर नेता साथ नहीं दिया। विभिन्न पार्टियों से जीतकर आए राजभर जाति के विधायक उनकी भी जबान सदन के अंदर नहीं खुली। सदन से बाहर समाज के उत्थान की बात करने वाले राजभर समाज के नेताओं से यह सवाल समाज को जरूर पूछना चाहिए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सर्व समाज के उत्थान के लिए एक संकल्प ‘सहयोग आपका संघर्ष हम सबका’ एवं ‘जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के साथ सदैव लक्ष्य प्राप्ति तक संघर्षरत रहेगी।