रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री और संघ के सह सरकार्यवाह ने कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि
भाजपा ने उप्र में 1918 स्थानों पर आयोजित की श्रद्धांजलि सभा
लखनऊ, 31 अगस्त । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई मंगलवार को पार्टी के संगठनात्मक 1918 मंडलों में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में एक बड़ी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रखा गया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ0 कृष्ण गोपाल, प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ0 दिनेश शर्मा समेत भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने कल्याण सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
देश के रक्षा मंत्री और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कल्याण सिंह के साथ हमारा एक नेता के अलावा बड़े भाई का भी रिश्ता रहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए कल्याण सिंह ने किस तरह से अपने दायित्व का निर्वहन किया है उसे प्रदेश की जनता को बताने की जरूरत नहीं है, इसकी झलक उस वक्त मिल गई थी जब 1977 में जनता पार्टी की सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री हुए थे। उसी वक्त से उनके बारे में भविष्य के मुख्यमंत्री के रूप टिप्पणी की जाने लगी थी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कल्याण सिंह के साथ मुझे शिक्षा मंत्री के दायित्व का निर्वहन करने का भी मौका मिला। मैं यह मानता हूं की नकल रोकने के लिए हमने बहुत कठोर प्रस्ताव बनाया था लेकिन दो बार वह प्रस्ताव कैबिनेट से पारित नहीं हो पाया। इसके बाद कल्याण सिंह के समक्ष मैंने अपना भाव और इच्छा दोनों प्रकट की तो उन्होंने अगली कैबिनेट की बैठक में बगैर चर्चा के उसे पारित करा दिया। इससे उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का पता चलता है। रक्षा मंत्री ने इस दौरान कल्याण सिंह के साथ की कई घटनाओं को भी ताजा करते हुए उनकी स्मृतियों को नमन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि कल्याण सिंह अलीगढ़ के एक छोटे से गांव में किसान के घर मे जन्मे थे। शिक्षक का काम किया संघ से जुड़े और जो दायित्व दिया गया, उसे निभाया। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका कृतित्व हमारे सामने है।
योगी ने कहा कि समर्पण का भाव जब तक मौजूद रहेगा, आम जन के मन मे कल्याण सिंह के लिए श्रद्धा व सम्मान का भाव बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि किसी छोटे व्यक्ति का बड़ा बनना ही उसकी महानता होती है और कल्याण सिंह ने इसे बाखूबी साकार किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने इस अवसर पर कहा कि कल्याण सिंह संघ के स्वयंसेवक और कुशल वक्ता थे। किसी भी बात का प्रतिपादन बहुत अच्छे ढंग से करते थे, जिससे जनता प्रभावित हो जाती थी। उस समय तहसील प्रचारक मांगीलाल ने कल्याण सिंह से आग्रह किया तो वह जनसंघ में आ गए और धीरे-धीरे छा गए।
पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने कहा कि एक बार कल्याण सिंह के चुनावी कार्यक्रम में हम लोग गए थे। उनकी चुनावी सभा करीब 10 घंटे तक चली। मैंने कभी 10 घंटे की चुनावी सभा नहीं देखी थी। लोग अपनी बैलगाड़ी से सभा में आ रहे थे। लोग कल्याण सिंह को चुनाव लड़ने के लिए चंदा भी दे रहे थे।
डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने बताया कि कल्याण सिंह गांव, गरीब और किसान के दुख को गहराई से समझते थे। उन्हें मालूम था कि एक किसान जीवन में दो जोड़ी कपड़े नहीं जुटा पाता। इसको लेकर उन्होंने गंभीर चिंतन किया और उस पर काम किया।
संघ के सरकार्यवाह ने बताया कि दीनदयाल जी कल्याण सिंह के गुरु थे। वह शिक्षक बने लेकिन नौकरी छोड़ दी। वह लेखक भी थे। जेल में रहते हुए उन्होंने आपातकाल के दौरान कार्यकर्ताओं को हजारों पत्र लिखे। जिनके परिजन स्वर्गवासी हो जाते थे उन्हें ढांढस बनाने का काम भी कल्याण अपने पत्रों के माध्यम से किया करते थे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कल्याण सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में एक आदर्श स्थापित किया है। केशव मौर्य ने कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रिव काल में छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में राम जन्म भूमि पर खड़ा विवादित ढांचा के गिराये जाने की घटना की भी चर्चा की। बताया कि उस समय वह भी विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री के रूप में वहां मौजूद रहे।
केशव मौर्य ने कहा कि मुझे यह कहने में संकोच नहीं है 30 अक्टूबर 1990 को भी कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन उस समय उन पर गोलियां चलाई गई थी लेकिन 6 दिसंबर 1992 को जब कारसेवक अयोध्या पहुंचे तो कल्याण सिंह ने उन्हें खरोच भी नहीं आने दिया और मुख्यमंत्री पद का त्याग कर दिया।
उप्र भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत कई अन्य नेताओं ने भी इस मौके पर कल्याण सिंह के साथ की अपनी स्मृतियों को साझा किया। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कल्याण सिंह की इस श्रद्धांजलि सभा में सहभागी बनने के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती समेत 40 राजनीतिक दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेत कई दलों के नेताओं ने कार्यक्रम में भाग भी लिया।
आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार सहित संघ के कई पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भागीदारी करते हुए कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।