'मन की बात' अहं से वयं की यात्राः प्रधानमंत्री
'मन की बात' अहं से वयं की यात्राःप्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 30 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपीसोड में कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए ‘स्व से समष्टि’ और अहं से वयं की यात्रा है। मन की बात उनके लिए आध्यात्मिक यात्रा बन गई है।
इस दौरान उन्होंने अपने मार्गदर्शक लक्ष्मणराव इनामदार को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मन की बात दूसरों के गुणों से सीखने का एक माध्यम बन गया है। वकील साहब (लक्ष्मणराव जी) हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए। वे कहते थे कि अपने विरोधी के भी अच्छे गुणों को जानना, सीखना और प्रयास करना चाहिए। यह उनके लिए हमेशा प्रेरणादायक रही है।