इफ़ेक्ट : बरसात से धान पौध रोपण में किसान को मिली संजीवनी

इफ़ेक्ट : बरसात से धान पौध रोपण में किसान को मिली संजीवनी
कौशाम्बी। अरब सागर से उठा चक्रवात ताऊते का असर जनपद में दिखा। बुधवार की सुबह से बादलों ने जमकर बरसात की। बरसात के चलते किसानों में मिला जुला असर देखने को मिला। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो यह बरसात दलहनी व नगदी फसलों के लिए नुकसान पंहुचा सकती है। लेकिन खरीब की बड़ी फसल धान के पौधरोपण के लिए वरदान साबित होगी। 


जनपद की आबादी का 80 फीसदी हिस्सा खेती किसानी पर ही निर्भर है। रोजगार के संसाधन न होने के चलते कृषि कर लोग जीवन यापन करते हैं। बदलते समय के अनुसार किसानों ने नगदी फसलों के पैदावार की तरफ बड़े पैमाने पर रुख किया है। अलग अलग हिस्सों को मिलाकर करीब 2 हजार हेक्टेयर में किसान शाक-भाजी, खरबूज-तरबूज की फसल तैयार कर मुनाफा ले रहे हैं। हालांकि मौजूदा समय में किसान बड़े पैमाने पर धान की खेती कर रहे हैं। गंगा यमुना का द्वाब होने चलते धान के फसल की पैदावार भी अधिक देखने को मिलती रही है। 


कृषि वैज्ञानिक डॉ मनोज सिंह ने बताया, ताऊते चक्रवात के चलते हो रही बरसात से दलहन व नकदी फसल में किसानों को बेहद सावधान रहने की जरुरत है। उन्हें चाहिए कि वह खेतों में जलजमाव न होने दें। अन्यथा फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान  होगा।
उन्होंने कहा कि चक्रवात की यह बरसात ऐसे समय पर हो रही है जब किसान भाई खरीफ की बड़ी फसल धान की पौधरोपण करते है। ऐसे में मिट्टी को तैयार करने में यह बरसात किसी बड़े वरदान से कम नहीं साबित होगी।