अगर बिजली कम्पनी बदलना चाहते हैं तो यह जानकारी काम आएगी
सिम की तरह बिजली देने वाली कंपनी को बदलिए
क्या आप बिजली कंपनी के मनमानी से पेरशान है फ़र्ज़ी के आते बिल से तंग आ गए है लेकिन हज़ारो बार आपकी शिकायत के बाद भी आपकी नहीं सुनी जाती है
सोचते है काश आप मोबाइल के सिम की तरह बिजली कंपनी को बदल सकते तो आपको बता दे के ये मुराद जल्द ही पूरी होने वाली है, क्यूंकि सरकार इलेक्ट्रिसिटी बिल में संसोदन करने का मन बना चुकी है और अगर ये संसोदन संसद में पास हो जाता है तो आप बिजली कंपनी को सिम कार्ड की तरह बदल पाएंगे,
सरकार के संसोदन के मुताबिक ग्राहक के पास बिजली कंपनी बदलने का अधिकार होगा, ग्राहक अपने क्षेत्र में बेहतर बिजली कंपनी को चुन सकता है अगर कंपनी ग्राहक की बात नहीं सुन रही है तो ग्राहक कंपनी बदल सकता है, उसी तरह बिजली की दरे ज्यादा होने पर ग्राहक काम दर से बिजली देने वालो को चुन सकता है, किसी भी शिकायत के पूरा न होने पर ग्राहक बिजली कंपनी को बदलने के लिए आज़ाद होगा
अब ये सवाल है की सरकार ऐसा कर क्यों रही है क्या सरकार ग्राहकों को ज्यादा अधिकार देना चाहती है या फिर बात कुछ और है
दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान कहा था की देश के बिजली क्षेत्र एकाधिकार दिखता है, ऐसा इस लिए है की बिजली के क्षेत्र में गिनी चुनी कम्पनियां है जिसके वजह से ग्राहकों के पास ज्यादा विकलप मौजूद नहीं है, कही पर सरकारी कंपनी है तो निजी नहीं उसी तरह से जहां पर निजी कम्पनियां है वहां पर सरकारी कम्पनियां नदारद है
वित्तमंत्री ने कहा की बिजली के क्षेत्र में ज्यादा कम्पनियां होगी तो प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ने का फायदा ग्राहकों को मिलेगा, ग्राहकों को बेहतर सेवाओं के साथ साथ काम दरों पर बिजली मिल पायेगी
हालांकि जानकार कानून में संसोदन को बड़े रिफार्म के तौर पर देख रहे है, जिससे देश में कई कम्पनियों के आने का रास्ता खुल जायेगा, सरकार कम्पनियों के लिए लइसेंसे लेने की जरूरत को भी ख़तम कर देगी जिससे एक ही क्षेत्र में कई बिजली कम्पनियां होंगी
अभी तक की बातें बड़ी लुभवानी लगती है लगता है अगर कानून में संसोदन पास हो जाता है तो देश के बिजली क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी सब कुछ बदल जायेगा लोगो को काम कीमतों पर बेहतर सुविधाएं देंगी, ग्राहकों की सुनी जाने लगेगी लेकिन सवाल खड़ा होता है की क्या ये सम्भव है
जानकार बताते है की देश में अभी बिजली कानून 2003 लागू है जो ग्राहकों को बिजली कंपनी बदलने की सुविधा देता है, यानि मौजूदा कानून में ही कहा गया है की ग्राहक बिजली कंपनी को बदल सकता है लेकिन उसको ऐसा करने की के लिए एक निश्चित कीमत चुकानी होगी
कानून के बारे जानने के बाद एक सवाल और खड़ा हो गया है की जब मौजूदा कानून में पहले से ही कम्पनियां बदलने के प्रावधान किये गए है तो सरकार इसमें नया क्या करने जा रही है , तो आपको बता दे की सरकार देश की बिजली क्षेत्र को दूसरी कम्पनियों के लिए खोलने जा रही है यानि अभी आपके शहर में एक कंपनी आपको बिजली देती हो तो हो सकता है की आगे चलकर आपके ही मोहल्ले के चार घरो में चार अलग अलग कम्पनियां बिजली पंहुचा रही हो
हांलाकि बिजली कम्पनियां बदलने के लिए आपको कोई फीस चुकानी होगी या नहीं और अगर हा तो कितनी होगी अभी साफ़ तौर पर नहीं कहा जा सकता
लेकिन बिजली के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो फायदा आपका ही होगा