कोरांव इलाके के तमाम गांवों में आधे अधूरे ही रह गये शौचालय
सत्यम तिवारी
कोरांव प्रयागराज । एक ओर जहां मोदी सरकार व योगी सरकार के नेतृत्व वाली सरकार देश व प्रदेश को विकास पायदान के शिखर पर पहुंचाने के लिए तमाम कवायदें अपनाकर जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित करते हुए भारी भरकम धनराशि व्यय कर रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदारों के अलावा पात्र लाभार्थी को मिली धनराशि का दुरुपयोग करते हुए देखे जा रहे हैं।
स्वच्छ भारत - सुन्दर भारत का सपना संजोने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के प्रत्येक राज्यों में लोगों की मर्यादा को सुरक्षित रखने व स्वच्छता की मिसाल कायम करने के लिए खुले में शौच से मुक्त करने के लिए घर घर स्वच्छ शौचालय का निर्माण हेतु भारी भरकम धनराशि उपलब्ध करायी गयी किन्तु सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत उपलब्ध करायी गयी धनराशि का कोरांव इलाके के एक नहीं अनेकों गांवों में दुरूपयोग किया गया देखा जा रहा है। स्वच्छ शौचालय निर्माण योजना को अमलीजामा पहनाने वाले जिम्मेदारों के गैर जिम्मेदाराना के साथ लाभार्थियों की उदासीनता के बदौलत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का सपना तार-तार होता देखा जा रहा है। इलाके के तमाम गांवों में देखा जा रहा है कि 40 फीसदी शौचालय ही बनकर क्रियाशील हैं और शेष शौचालय आधे अधूरे होने के साथ ईंधन घर बन गये हैं जहां पर लाभार्थियों द्वारा उपली लकड़ी भरकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं जिम्मेदारों द्वारा सरकार की आंख में धूल झोंक हकीकत से परे गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया किन्तु जमीनी हकीकत मामले में कुछ और ही बयां कर रही है। इलाके के दर्शनी देवघाट बिरहा करपिया देबीबांध मझिगवां गोबरी सहित कई अन्य गांवों में स्वच्छ शौचालय निर्माण योजना में भारी भरकम धनराशि का दुरुपयोग किया गया है जो निः सन्देह जांच व कार्रवाई का विषय है। इलाकाई सम्भ्रान्तों ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यदि मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जांय तो फर्जीवाड़े का बहुत बड़ा आइना सामने नजर आयेगा।