एक अच्छे समाज की संकल्पना नारी के बिना सम्भव नहीं : डॉ कीर्तिका

ज्वाला देवी गंगापुरी में हुआ मातृ भारती का गठन

एक अच्छे समाज की संकल्पना नारी के बिना सम्भव नहीं : डॉ कीर्तिका

प्रयागराज, 11 सितम्बर। प्रो. राजेन्द्र प्रसाद (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज गंगापुरी रसूलाबाद में शनिवार को 'मातृ भारती गठन समारोह' का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने कहा कि एक अच्छे समाज की संकल्पना नारी के बिना सम्भव नहीं है। इसलिए हम सभी माताओं को सदैव शिशुओं को उनकी आत्मशक्ति को विकसित करते रहना चाहिए।

वात्सल्य हॉस्पिटल की निदेशक डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों की इस परम्परा में सभी मातृ शक्तियों को बुलाकर अविस्मरणीय सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही शिशुओं के विकास में माताओं के योगदान जैसे जीजाबाई, कौशल्या, सुमित्रा, अन्जना, रानी लक्ष्मीबाई आदि नारी शक्तियों को भुलाया नहीं जा सकता। ऐसी परम्पराओं को विद्या भारती के विद्यालय जागृत करते रहे हैं।


अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र ने कराया। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में मां ही भावी पीढ़ी का निर्माण करती है। इसी बात का ध्यान रखते हुये विद्या भारती के विद्यालयों में मातृभारती का गठन किया जाता है। इसी क्रम में विद्यालय की छात्रा सोनम विश्वकर्मा व शिवानी मिश्रा ने वात्सल्य एवं मातृत्व पर आधारित हृदयस्पर्शी गीत प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजक बेबिका राय ने मातृ भारती में चयनित पदाधिकारियों की घोषणा की। जिसमें गरिमा पाण्डेय (अध्यक्ष), शशिप्रभा पाण्डेय (उपाध्यक्ष), नीलम पाण्डेय (मंत्री), अमिता सिंह (सहमंत्री), बीनू सक्सेना (कोषाध्यक्ष), रचना मिश्रा (प्रचार प्रसार मंत्री), ज्योति पाठक व रीना मिश्रा (सदस्य) निर्वाचित हुईं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रबन्ध समिति सदस्य डॉ. किरण बाला पाण्डेय ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से आयी हुई माताओं के विश्वास को पुनः जागृति करना होता है। जिससे शिशुओं के विकास में एक उर्जा प्राप्त हो जाती है। विशिष्ट अतिथि नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय की लेखाधिकारी पूनम तिवारी रहीं। कार्यक्रम में 135 माताएं एवं अध्यापिकायें उपस्थित रहीं तथा आये हुए सभी अतिथियों एवं मातृशक्तियों का आभार ज्ञापन एवं संचालन आचार्य सरोज सिंह ने किया।