विंध्य कारिडोर से साकार होगी धार्मिक पर्यटन की संकल्पना
हर कोना बयां करेगी अपनी पारंपरिक धरोहर
मीरजापुर, 31 जुलाई। विंध्य क्षेत्र का कायाकल्प होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। विंध्य कारिडोर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब विंध्य क्षेत्र के विकास की चर्चा हर स्तर पर हो रही है। विंध्यधाम आने वाले दर्शनार्थियों को सुलभता व सुगमता से मां विंध्यवासिनी का दर्शन कराने के साथ ही प्रदेश सरकार ने विंध्य कारिडोर के तहत धार्मिक पर्यटन की योजना तैयार की है। इसके तहत काम भी शुरू हो गया है। शारदीय नवरात्र तक मां विंध्यवासिनी परिक्षेत्र का दृश्य पूरी तरह बदला होगा। यह दर्शनार्थियों के लिए सरल तो होगा ही, उनके घूमने व भ्रमण के लिए भी व्यवस्था होगी।
विंध्य कारिडोर परियोजना से मानो विंध्य क्षेत्र को विकास के नए पंख लग गए हैं। विंध्य क्षेत्र की विरासत को संजोने की चाहत की आमजन मंशा को भांप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। अगले एक वर्ष के भीतर विंध्य क्षेत्र न सिर्फ धार्मिक केंद्र होगा, बल्कि पर्यटन हब के रूप में भी विकसित होगा। इसके लिए कई योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। विंध्य क्षेत्र की सूरत बदलने की कवायद तेज हो गई है। विंध्य कारिडोर के जरिए विंध्यधाम को संजाने-संवारने का काम तेज हो गया है। यही कारण है कि पयर्टन के क्षितिज पर भी विंध्यधाम नए आयाम स्थापित करने जा रही है। विंध्य कारिडोर विंध्यधाम की गरिमा को वैश्विक बनाने का काम करेगी। कॉरिडोर निर्माण होने से बड़ी संख्या में भक्तों और देशी-विदेशी पर्यटकों का आगमन भी बढ़ेगा। योगी सरकार का यही प्रयास है कि विंध्यधाम धार्मिक केंद्र होने के साथ-साथ पर्यटन हब भी बनेगा।
विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
विंध्य कारिडोर विंध्यवासिनी मंदिर को गंगा की डोर से बांधेगी। परिक्रमा पथ के साथ ही मां विंध्यवासिनी व गंगा को जोड़ने के लिए मार्गों को विस्तार दिया जा रहा है तो श्रद्धालुओं की कतार के लिए भी जगह बनाई जा रही है। मंदिर से गंगा को जाने वाले पक्का घाट मार्ग का भी चौड़ीकरण किया जा रहा है। यह मार्ग लगभग 35 फीट चौड़ा व दो सौ मीटर लम्बा होगा। कॉरिडोर निर्माण होने से श्रद्धालु विंध्यवासिनी मंदिर से ही गंगा दर्शन भी कर सकेंगे।
भव्य व अलौकिक रूप से सजेगा विंध्यधाम
51 शक्तिपीठों में से एक विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम को भव्य व अलौकिक रूप से संवारा जाएगा। अभी तक संकरी गलियों से होकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने जाता पड़ता था। आ विंध्यधाम संकरी गलियों से मुक्त हो गई है। विंध्य कारिडोर योजना के तहत मंदिर परिसर, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पार्क और पर्यटक स्थल का निर्माण किया जाना है। वहीं विंध्याचल से अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर जाने वाले मार्गों का भी चौड़ीकरण किया जाएगा।
विंध्य कारिडोर के लिए प्रस्तावित कार्य
- मीरजापुर-विंध्याचल मार्ग 6.5 किलोमीटर तक 46 फीट चौड़ा होगा।
- विंध्याचल से कालीखोह जाने वाली रोड को 1.3 किलोमीटर तक 50 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- मां अष्टभुजा मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। मंदिर के 50 फीट तक यह सौंदर्यीकरण होगा।
- बंगाली तिराहा से अमरावती रोड को 50 फीट तक चौड़ा किया जाएगा।
- विंध्याचल में पुरानी वीआइपी रोड को भी एक किलोमीटर तक 40 से 50 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- कचौड़ी गली रोड (पक्का घाट) को 35 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- थाना गली रोड को 35 फीट तक चौड़ा किया जाएगा।
- पटेगरा नाला चौराहा से रामघाट रोड को 1.6 किलोमीटर 30 फीट तक चौड़ा किया जाएगा।
- बच्चा पाठक गली रोड को 25 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- विंध्याचल रेलवे स्टेशन पर जाने वाली सड़क को 20 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- बंगाली चौराहा से विंध्याचल रेलवे स्टेशन रोड को 20 फीट चौड़ा किया जाएगा।
- फतेहपुरिया गली रोड़ को 15 फीट तक चौड़ा किया जाएगा।
- परिक्रमा पथ एवं 13 सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
- विंध्याचल थाने में गेस्ट हाउस का निर्माण किया जाएगा।
- विंध्यधाम की सुंदरता बढ़ाने के लिए डेकोरेट लाइट व स्ट्रीट लाइट लगवाया जाएगा।
- विंध्याचल से कालीखोह जाने वाली रोड को 1.3 किलोमीटर तक 50 फीट चौड़ा किया जाएगा।