लखीमपुर घटना : असमंजस्य के बीच चली आशीष मिश्रा से नौ घंटे पूछताछ
लखीमपुर घटना : असमंजस्य के बीच चली आशीष मिश्रा से नौ घंटे पूछताछ
लखीमपुर खीरी, 09 अक्टूबर एसआईटी जांच टीम के दूसरे बुलावे पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू आज (शनिवार को) तय समय से करीब 20 मिनट पहले पहुंच गए। सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर क्राइम ब्रांच में इंट्री करने के बाद करीब आठ बजे खबर लिखे जाने तक आशीष मिश्रा पुलिस की कस्टडी में ही थे। इस दौरान तमाम सवालों के जवाब में मीडिया कर्मी भी मौजूद रहे।
किसान आन्दोलन के दौरान हुई आठ लोगों की मौत मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के पहले पुलिस बुलावे पर नहीं पहुंचने पर तमाम तरह के आरोप लग रहे थे। वहीं, पुलिस ने आवास पर दूसरा नोटिस चस्पा कर हर हाल में शनिवार (नौ अक्टूबर) को एसआईटी टीम के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश जारी किया था। इसके बाद आशीष, सदर विधायक योगेश वर्मा और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के प्रतिनिधि संजय सिंह के साथ 10 बजकर 40 मिनट पर एसआईटी के समक्ष क्राइम ब्रांच पहुंचे।
इसके बाद शुरू हुई पूछताछ देर शाम आठ बजे तक चली। इस बीच सामने आई तमाम बातों में मुख्य यह रहा कि आशीष एसआईटी के कई सवालों के सटीक जवाब नहीं दे पाये। उनकी एक घंटे के दौरान के कुछ ऐसे सवाल हैं जो एसआईटी तलाश रही है। शायद यह एक घंटा एसआईटी के लिये जितना अहम है, उतना ही आशीष की बेगुनाही के लिये भी अहम है।
बता दें कि इस पूछताछ के दौरान आशीष मिश्रा ने एसआईटी के समक्ष तमाम वीडियो और फोटो अपने बचाव के लिये पेश किए। इस पूछताछ के बाद अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि शासन और प्रशासन सहित पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करने वाली है। हालांकि सूत्रों की मानें तो आशीष की संभावित गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है।
समर्थकों ने निकाला कैंडिल मार्च
भाजपा के बूथ अध्यक्ष शुभम मिश्रा की भी इस घटनाक्रम में मौत हो गयी थी। ऐसे में जो क्रॉस रिपोर्ट दर्ज हुई, उसकी जांच पर पुलिस अभी ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में शुभम के परिजन भी इस बात से नाराज हैं कि पुलिस सिर्फ एक पक्ष को ही गुनाहगार मान कर जांच कर रही है। शायद यही कारण रहा कि आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिये क्राइम ब्रांच में एसआईटी के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद शुभम मिश्रा के परिवार व उनके समर्थकों ने सैकड़ों की तादात में संकटा देवी चौराहे पर प्रदर्शन कर शहर में कैंडिल मार्च निकाला। शुभम मिश्रा के परिवार की मांग है कि पुलिस उन दोषियों पर भी कार्यवाही करे, जिन्होंने शुभम सहित हरिओम, श्यामसुन्दर और पत्रकार रमन की निर्मम हत्या की है। परिवार की मांग है कि पुलिस हत्या के मामले में जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करें। उनका यह भी मानना है कि पुलिस सिर्फ एक एफआईआर पर ही ध्यान दे रही है, जबकि पुलिस को दोनों एफआईआर पर बराबर काम करना चाहिए।