विश्व हिंदू् परिषद ने निकाली आक्रोश रैली

विश्व हिंदू् परिषद ने निकाली आक्रोश रैली

विश्व हिंदू् परिषद ने निकाली आक्रोश रैली

अमेठी, 19 अप्रैल  वक्फ़ कानून के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल जिस प्रकार हिंसा की आग में जल रहा है। वहां के हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है और राष्ट्र विरोधी तथा हिंदू विरोधी तत्वों को निर्वाध रूप से अपने कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है। इस मामले को लेकर शनिवार को विश्व हिंदू परिषद द्वारा अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज में आक्रोश रैली निकालते हुए राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा।

शनिवार को दोपहर बाद अमेठी जनपद मुख्यालय स्थित जामो रोड पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा हाथ में बैनर लेकर आक्रोश रैली निकाली गई। इस माध्यम से विश्व हिंदू परिषद ने अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए अपर जिलाधिकारी न्यायिक को राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें मांग किया है कि बंगाल की ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्वाध रूप से आने का मौका दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तान तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है। हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती दिखाई पड़ रही है। न्यायालय के आदेश पर हिंदू त्योहारों को मनाने की अनुमति मिल पाती है। उनकाे सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है । तृणमूल के असामाजिक तत्व और जिहादी गुंडे के नियंत्रण में प्रशासन काम करने के लिए विवश है।

यह हिंसा मुर्शिदाबाद से निकलकर सम्पूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है । ऐसे में ममता सरकार को बर्खास्त करते हुए बंगाल में अविलम्ब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बंगाल में हो रही हिंसा की एनआईए के द्वारा जांच करवाई जाए और दोषियों को दंडित किया जाए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम तत्काल किया जाए। जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। ऐसे में विश्वास है कि राष्ट्र की सार्वभौमिक एवं सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए आप अविलम्ब और त्वरित कार्यवाही करेंगी।