निराधार आरोपों पर नहीं हो सकती वोटों की पुनर्मतगणना: इलाहाबाद हाईकोर्ट
ग्राम प्रधान के मतदान की पुनर्मतगणना के एसडीएम का आदेश रद्द
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प्रयागराज, 12 जनवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि तथ्यहीन, मनगढ़ंत, निराधार आरोपों को लेकर की गई शिकायत पर चुनाव की पुनर्मतगणना का आदेश नहीं दिया जा सकता। ऐसे तथ्य होने चाहिए, जिस पर विश्वास किया जा सके कि इससे चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकता है।
कोर्ट ने इसी के साथ शामली जिले की कैराना तहसील की ग्राम पंचायत पावटी कलां के प्रधान के चुनाव की पुनर्मतगणना कराने के एसडीएम के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने ग्राम प्रधान साजिदा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। कोर्ट ने एसडीएम के आदेश के खिलाफ वैकल्पिक उपचार की उपलब्धता के आधार पर याचिका की पोषणीयता को लेकर की गई आपत्ति निरस्त कर दी। और याचिका को पोषणीय करार देते हुए पुनर्मतगणना आदेश को रद्द कर दिया।
याची का कहना था कि विपक्षी अनीता को 990 वोट व याची को 993 वोट मिले। उसे विजयी घोषित किया गया। विपक्षी ने चुनाव अधिकारी से शिकायत की कि 157 वोट अवैध घोषित किए गए हैं। उनमें से कुछ वैध हैं और उसके पड़े कुछ वोट याची प्रधान के पक्ष में गिने गए हैं। इसलिए पुनर्मतगणना कराई जाये। चुनाव अधिकारी ने आपत्ति बिना ठोस सबूत के होने के आधार पर निरस्त कर दी, जिसे एसडीएम कैराना की अदालत में चुनौती दी गई। गवाही और प्रति परीक्षा के बाद पांच बिंदुओं पर विचार कर एसडीएम ने पुनर्मतगणना का आदेश दिया था। जिसे याचिका में चुनौती दी गई थी।