प्रयागराज: अखंड भारत के निर्माण में पंजाब की महती भूमिका : प्रो हरमोहिंदर सिंह

“आजादी के अमृत महोत्सव“ पर राष्ट्रीय वेबीनार

प्रयागराज: अखंड भारत के निर्माण में पंजाब की महती भूमिका : प्रो हरमोहिंदर सिंह

प्रयागराज, 29 अगस्त । इलाहाबाद विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित “आजादी के अमृत महोत्सव“ वेबीनार के प्रथम सत्र में हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के कुलाधिपति (चांसलर) प्रो. हरमोहिंदर सिंह बेदी ने देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कहा कि यह भारतवर्ष 135 करोड़ लोगों के समग्र भावों की अभिव्यक्ति है, यह केवल भूखंड नहीं है। इस अखंड भारत के निर्माण में पंचनद और सप्तसिंधु वाले पंजाब की महती भूमिका है।



उन्होंने कहा कि इसी पंजाब की भूमि में देश को एक करने वाला ग्रंथ ऋग्वेद लिखा गया। इसी पंजाब ने खुरासान से आने वाले न जाने कितने आततायियों के आतंक को नेस्तनाबूद किया। उन्होंने कहा कि देश का प्रथम हिंदी कवि चंद्रवरदाई भी पंजाब के ही लाहौर का रहने वाला था। उन्होंने पंजाब के स्वतंत्रता आंदोलन में नामधारी संप्रदाय और सतगुरु राम सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजों की रेल, डाक जैसी चीजों का पूर्ण बहिष्कार कर जैसा विरोध नामधारी सम्प्रदाय ने किया वैसा ही विरोध बाद में गदर पार्टी और बब्बर अकाली लहर के भी प्रयत्नों से होता रहा। उन्होंने जालियावाले बाग की चर्चा करते हुए कहा कि वहां 1680 गोलियां चलीं, 1000 लोग मारे गए।

उन्होंने लाला लाजपत राय की शहादत को याद करते हुए कहा कि भगत सिंह और मदन लाल ढींगरा को पंजाब के ही डीएवी कालेज में हिंदी की शिक्षा देने वाले लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला इन्हीं क्रांतिकारियों ने बाद में अंग्रेजों से लिया। उन्होंने शहीद उधम सिंह की 12 वर्ष की उम्र का जिक्र करते हुए कहा कि जालियावाले बाग कांड में लाशों की तरह पड़े हुए लोगों को रात भर पानी पिलाने का काम और बाद में इसका प्रतिशोध लेने का काम इसी उधम सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि देश की सम्पूर्ण स्वतंत्रता का उद्घोष भी पंजाब के ही रावी नदी के तट पर किया गया था।



दूसरे सत्र में त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय, त्रिपुरा के कुलपति प्रो. गंगा प्रसाद प्रसाईं ने कहा कि क्या हम आजादी को सुरक्षित रखने की तैयारी कर रहे हैं ? उन्होंने कहा कि शिक्षा की समृद्धि से यह तैयारी पूरी होगी। आजादी के समय जहां देश में 20 विश्वविद्यालय थे, आज 834 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों वाला यह देश भारत अभी भी विदेशी निर्भरता से मुक्त नहीं हो पाया। हमें आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी उपयोग करते हुए देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।



इलाहाबाद विश्वविद्यालय, विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता, प्रो. शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि अहमदाबाद के साबरमती से प्रारम्भ हुई आजादी के अमृत महोत्सव की यात्रा एक वर्ष तक चलेगी। उन्होंने दांडी यात्रा का संदर्भ उठाते हुए कहा कि इस प्रकार की यात्राओं से ही देश की निर्मित हुई है। 526 रियासतों के पुनर्गठन का काम यहां के वीर राजनयिकों ने किया है। इस आजादी को अक्षुण्ण रखने में हम सबको अपने योगदान के लिए प्रस्तुत रहना चाहिए।



वेबीनार के आयोजक इविवि, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि आजादी इस देश के शहीदों के प्रयत्नों से प्राप्त हुई है। हमें केवल राजनीतिक आजादी तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सब प्रकार की परनिर्भरता से मुक्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए। पूर्व में विश्व में भारत को प्राप्त गौरवपूर्ण स्थान की पुनर्बहाली का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में प्रतिभागिता के लिए देश के 24 राज्यों से 1244 नामांकन प्राप्त हुए। जिसमें अमेरिका, बांग्लादेश, नेपाल, वियतनाम और यूनाइटेड किंगडम से भी रहे। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन आर्य कन्या महाविद्यालय के संगीत विभाग की डॉक्टर रंजना त्रिपाठी ने किया।