"प्रयागराज में मॉक ड्रिल: आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को परखा गया"
"प्रयागराज में मॉक ड्रिल: आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को परखा गया"

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई दुखद आतंकी घटना और भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव की वर्तमान संवेदनशील स्थिति को देखते हुए, तीर्थराज प्रयागराज में भी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी क्रम में, शहर एक व्यापक सुरक्षा अभ्यास (मॉकड्रिल) के लिए कमर कस रहा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इस महत्वपूर्ण सुरक्षा अभ्यास की तैयारियों को लेकर 6 मई, दिन मंगलवार को शाम 6 बजे पुलिस लाइन में एक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पुलिस विभाग सहित विभिन्न सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने मिलकर आगामी मॉकड्रिल की विस्तृत रूपरेखा तैयार की, जिसमें अभ्यास के विभिन्न चरणों, जिम्मेदारियों और लक्ष्यों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
तय कार्यक्रम के अनुसार, यह संयुक्त सुरक्षा अभ्यास आगामी 7 मई को पूरे शहर में आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास के दौरान, आम जनता को सचेत करने और प्रतिक्रिया तंत्र को परखने के लिए अचानक सार्वजनिक स्थलों पर चेतावनी सायरन की आवाज सुनाई देगी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सायरन केवल अभ्यास का हिस्सा होंगे और नागरिकों से अपील की गई है कि वे इन्हें सुनकर किसी भी प्रकार से घबराएं नहीं।
इस मॉकड्रिल का एक प्रमुख उद्देश्य आपदा या युद्ध जैसी गंभीर परिस्थितियों में नागरिकों को सुरक्षित तरीके से निकालने, आश्रय स्थलों तक पहुंचाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रशिक्षण देना है। अभ्यास में न केवल सुरक्षा बल शामिल होंगे, बल्कि आम नागरिकों को भी संकट के समय में बरती जाने वाली सावधानियों और आवश्यक प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा।
इस संयुक्त अभ्यास में सिविल डिफेंस, डिजास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन), पुलिस बल और फायर ब्रिगेड (अग्निशमन सेवा) की टीमें सक्रिय रूप से भाग लेंगी। पूरा अभ्यास त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के प्रदर्शन और उसकी प्रभावशीलता को जांचने पर केंद्रित होगा। इसमें हवाई हमलों से बचाव के तरीकों, आश्रय प्रबंधन और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं, जैसे कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना और अस्पतालों तक पहुंचाना, पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, ब्लैकआउट की स्थिति में आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने की रणनीति का अभ्यास किया जाएगा। बम निरोधक दस्ते द्वारा बमों को निष्क्रिय करने और बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्यों को कुशलतापूर्वक अंजाम देने का पूर्वाभ्यास भी इस मॉकड्रिल का हिस्सा होगा।
प्रशासन ने इस अभ्यास में समाज के जिम्मेदार वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया है। शहर के जिम्मेदार नागरिकों, ग्राम प्रधानों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी इस अभ्यास के दौरान संकट के समय की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे भी आपातकाल में प्रशासन के सहयोगी बन सकें।
पुलिस लाइन में आज (6 मई को) इस बड़े सुरक्षा अभ्यास का एक प्रारंभिक पूर्वाभ्यास (रिहर्सल) भी देखने को मिला, जो काफी यथार्थवादी प्रतीत हो रहा था। रिहर्सल के दौरान एक काल्पनिक बम विस्फोट का परिदृश्य तैयार किया गया, जिसमें दिखाया गया कि अचानक धमाका होता है और कई लोग घायल हो जाते हैं। तुरंत, प्रतिक्रिया टीमें हरकत में आईं और घायलों को युद्धस्तर पर स्ट्रेचर पर लादकर, पुलिस की गाड़ी एवं एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल पहुँचाने का त्वरित अभ्यास किया गया। यह पूर्वाभ्यास तैयारियों की मुस्तैदी को दर्शाता है।
यह व्यापक सुरक्षा अभ्यास प्रयागराज की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाने और भविष्य में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों और नागरिकों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।