एचआईवी से ग्रसित मरीजों में सकारात्मक भाव जगाएंगे पॉजिटिव स्पीकर

यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से आयोजित हुई कार्यशाला

एचआईवी से ग्रसित मरीजों में सकारात्मक भाव जगाएंगे पॉजिटिव स्पीकर

लखनऊ, 10 फरवरी । एचआईवी से ग्रसित व्यक्तियों में पाजिटिव स्पीकर सकारात्मक भाव जगाने में अहम् भूमिका निभाएंगे। इस संबंध में यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में शुक्रवार को एक कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में बताया गया कि सकारात्मक सोच और सकारात्मक जीवन शैली से ही एड्स ग्रसित के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। कार्यशाला में प्रदेश के 24 जनपदों से चिन्हित पाजिटिव स्पीकर ने भाग लिया।


कार्यशाला की मुख्य अतिथि मोना बालानी प्रोग्राम मैनेजर इंडिया एचआईवी/एड्स अलायन्स और बोर्ड मेंबर ऑफ़ एनसीपीआई प्लस दिल्ली ने कहा कि एचआईवी के साथ जी रहा व्यक्ति अपनी सकारात्मक जीवन शैली से समाज के हर वर्ग को एचआईवी के प्रति संवेदनशील बना सकता है। इससे हम एड्स से मृत्यु और नए संक्रमण के प्रसार को रोककर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक बना सकते हैं। इसी के तहत उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा एक सकारात्मक पहल के रूप मे आज इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।


इस मौके पर रमेश चंद श्रीवास्तव- संयुक्त निदेशक, लक्षित हस्तक्षेप परियोजना, उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने कहा कि पॉजिटिव स्पीकिंग का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी से लड़ाई करें बल्कि हमको विनम्र भाव से अपनी बात रखनी है और अच्छा पॉजिटिव स्पीकर वह है जो सकारात्मक भाव से अपने कार्य को करवा लें।

यूपीएनपी प्लस के अध्यक्ष नरेश चंद यादव ने कहा कि पॉजिटिव स्पीकर बनने से पहले हमको पॉजिटिव स्पीकिंग को समझने की जरूरत है जो आज हम इस कार्यशाला के माध्यम से सीखेंगे और सकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक भाव से आगे कार्य करेंगे।

डॉ. ए. के. सिंघल संयुक्त निदेशक केयर सपोर्ट व उपचार उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी ने कहा कि यह एक अच्छी मुहिम है, जिसके माध्यम से हम लोग ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ सकते हैं और एक सकारात्मक भाव से अपनी मांग रख सकते हैं।