इविवि कर्मचारियों हेतु पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ
सीखने-सिखाने की कोई उम्र नहीं होती : प्रो. पंकज कुमार
प्रयागराज, 25 सितम्बर । हमें अपने कार्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए। अगर हम ईमानदार रहेंगे तो हमें कोई भी अपने कार्य क्षेत्र से दूर नहीं कर सकता है, ना ही किसी भी तरीके से प्रताड़ित कर सकता है। हर परिस्थिति में हमें सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस होना चाहिए।
यह बातें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन सीडीसी प्रो. पंकज कुमार ने इविवि के राजभाषा अनुभाग द्वारा गांधी भवन में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त कही। इविवि के कर्मचारियों के लिए आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा सीखने-सिखाने की कोई उम्र नहीं होती है। हमारे कर्मचारियों में से कुछ सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं लेकिन अगर सीखने की इच्छा है तो हम इस कार्यशाला से अपनी निष्पादन क्षमता में सकारात्मक सुधार करेंगे।
राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष प्रो. एन.के. शुक्ला ने कहा कि हमारे कर्मचारियों के लिए इस तरह के प्रशिक्षण होना बहुत ही आवश्यक है। हमारी कार्यशैली अब बदल गई है। नई कार्यशैली को हमें अपनाना है और इस दायित्व का निर्वहन राजभाषा अनुभाग पांच दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से पूरा कर रहा है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. अजय जैतली ने कहा कि कार्यालयीन कार्य में नियम का पालन करते हुए स्पष्ट कार्य करना सभी के लिए जरूरी है। हमें अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार और समयबद्ध होना चाहिए। राजभाषा अनुभाग के संयोजक एवं गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. संतोष भदौरिया ने कहा कि कुलपति की प्रेरणा से राजभाषा अनुभाग लगातार सक्रिय है और विविध विषयों और कार्यक्रमों का आयोजन अपने कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित करता रहता है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कर्मचारी सीखना चाहते हैं और यह बात सभागार में उपस्थित कर्मचारियों की संख्या और उनकी सक्रियता से सहज रूप में पुष्ट होती है।
इविवि की पीआरओ डॉ जया कपूर ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं शिक्षा मंत्रालय के दिशा निर्देशों तथा कुलपति की प्रेरणा से इविवि के कर्मचारियों हेतु पांच दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 25 से 29 सितम्बर तक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं कुलसचिव प्रो. नरेंद्र कुमार शुक्ल, विशिष्ट अतिथि प्रो. अजय जैतली (दृश्य कला विभाग) और गांधी विचार एवं शांति अध्ययन संस्थान के निदेशक तथा राजभाषा अनुभाग के संयोजक प्रो.संतोष भदौरिया की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनुवाद अधिकारी हरिओम कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने किया।