महाकुम्भ में 21 से 27 जनवरी तक होगा अतिरुद्र महायज्ञ : महेशानंद गिरी
महाकुम्भ में सोरायसिस से मिलेगी मुक्ति
प्रयागराज, 07 जनवरी । सृष्टि की रचना के बाद ब्रह्माजी ने सबसे पहले तीर्थराज प्रयाग में ही यज्ञ किया था। यही कारण है कि इसे प्रयाग कहा जाता है। यहां यज्ञों की बहुतायत है। ऐसे में, इस महाकुम्भ के अवसर पर यहां 21 से 27 जनवरी तक अतिरुद्र महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इसमें फिल्म अभिनेता से लेकर बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ एक दिन का यजमान बनेंगे।
श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरी ने मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि यह यज्ञ उत्तराखंड के देहरादून स्थित सहस्त्रधारा की संस्था जनकल्याण सेवा आश्रम समिति की तरफ से होगा। इसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के अलावा यूके, जर्मनी, ओशिनिया, कनाडा और अमेरिका से लगभग तीन हजार श्रद्धालु आहुति डालने पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि शैव सम्प्रदाय में चार तरह के यज्ञ और आहुतियों का वर्णन है। रूद्र यज्ञ में 1811 आहुति, लघुरुद्र यज्ञ में 19,921, महारुद्र यज्ञ में 2 लाख 19 हजार 131 और अतिरुद्र यज्ञ में 24 लाख 10 हजार 441 आहुतियां डालने का विधान है।महामंडलेश्वर ने आगे बताया कि इस महाकुम्भ में त्वचा का कैंसर कहे जाने वाले गम्भीर बीमारी सोरायसिस से पीड़ितों को मुक्ति मिलेगी। इसके लिए जड़ी बूटियों से तैयार दवा श्रद्धालुओं को निःशुल्क वितरित किया जायेगा।