फर्जी लॉटरी ऑफर, फोन कॉल घोटाले पर अंकुश लगाने के लिए यूपी डीजीपी को व्यक्तिगत हलफनामा देने का निर्देश

फर्जी लॉटरी ऑफर, फोन कॉल घोटाले पर अंकुश लगाने के लिए यूपी डीजीपी को व्यक्तिगत हलफनामा देने का निर्देश

फर्जी लॉटरी ऑफर, फोन कॉल घोटाले पर अंकुश लगाने के लिए यूपी डीजीपी को व्यक्तिगत हलफनामा देने का निर्देश

प्रयागराज, 26 अप्रैल । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर राज्य के पुलिस महानिदेशक से धोखाधड़ी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए की गई कार्रवाई के संदर्भ में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। इन धोखाधड़ी की गतिविधियों में धोखेबाज लोग/संगठन आम लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने के लिए लॉटरी और पुरस्कार के फर्जी प्रस्तावों को लेकर उन्हें फोन करते हैं। जस्टिस जे जे मुनीर ने 30 जून, 2021 को जारी न्यायालय के आदेश के पर डीजीपी द्वारा दायर एक हलफनामे पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।



उस आदेश में न्यायालय ने कहा था कि “पुलिस महानिदेशक, यूपी, लखनऊ कठोर अपराधियों के इस व्यापक रैकेट का पता लगाने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे, जो धोखाधड़ी के जरिए निर्दोष नागरिकों को लोन का लालच या लकी ड्रा के बारे में आकर्षक प्रस्तावों द्वारा लुभा रहे हैं। ताकि इस कठिन समय में उनकी जेब से मेहनत की कमाई निकाली जा सके। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, लखनऊ तुरंत जिला पुलिस प्रमुखों को इस तरह के कार्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए सर्कुलर जारी करेंगे।“

अब दो मार्च, 2022 को कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक, यूपी लखनऊ को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा कि उक्त आदेश का पालन करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसके अनुपालन में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल द्वारा 9 मार्च, 2022 को एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया गया था। हालांकि, अदालत ने कहा कि उन्होंने न्यायालय के आदेशों का ठीक से पालन नहीं किया।

गौरतलब है कि कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पुलिस महानिदेशक द्वारा दायर किए गए व्यक्तिगत हलफनामे को पढ़ने से पता चलता है कि यह किसी सरकारी एजेंसी या शैक्षणिक निकाय को दी गई रिपोर्ट है, जो आम तौर पर कानून और व्यवस्था की समस्या के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में है। अदालत ने आगे कहा कि “पुलिस महानिदेशक ने इस न्यायालय के 30 जून 2021 के आदेशों के अनुपालन में जो कुछ किया है, उसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है। दूसरा कि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश कैसे लगे उसका कोई उल्लेख नहीं है।

इसके साथ ही अदालत ने अब डीजीपी को एक सप्ताह के भीतर 28 अप्रैल 2022 तक अपेक्षित व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मामले को आगे की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल को सुनवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश कुलदीप बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के केस में दिया है।