विभिन्न मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों की सांकेतिक हड़ताल, आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित

प्रबंधन से वार्ता विफल रहने के बाद निर्णय, उपकेंद्रों पर ताला लगा

विभिन्न मांगों को लेकर बिजलीकर्मियों की सांकेतिक हड़ताल, आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित

वाराणसी, 16 मार्च । ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन से वार्ता विफल होने पर बिजली कर्मचारी गुरुवार रात दस बजे से 72 घंटे के सांकेतिक हड़ताल पर चले गये। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारियों ने पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया। कार्य बहिष्कार में अधिशासी अभियंता, एसडीओ व अवर अभियंता सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल रहे। बिजली कर्मियों की हड़ताल से शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित रही।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आंदोलन को सफल बताया और दावा किया कि कार्य बहिष्कार पूरी तरह से प्रभावी रहा है। सभी साथी एकजुट हैं। निगम प्रबंधन ने आपूर्ति बहाल रखने का जो दावा किया था, उसमें सफलता नहीं मिली है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी बिजली कर्मी को गिरफ्तार किया गया तो हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन करेंगे। इसके पहले विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर पदाधिकारियों की अगुवाई में भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय परिसर में सभा किया।

वक्ताओं ने बताया कि आज नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्डइंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर उप्र के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में आज देश के सभी प्रान्तों में लाखों बिजलीकर्मी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बार पुनः दोहराया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजलीकर्मियों को हड़ताल पर जाने पर बाध्य होना पड़ रहा है। समझौते के कुछ प्रमुख बिन्दुओं में बनी सहमति के अनुसार ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति के द्वारा किया जाना, पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, पारेषण के विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द करना, नये विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराया जाना, निविदा/संविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर कर समान मानदेय दिया जाना, भत्तों के पुनरीक्षण एवं वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना प्रमुख है।

उधर,कार्य बहिष्कार के बाद हड़ताल को देखते हुए पूर्वांचल डिस्कॉम ने पूर्व कर्मचारियों के अलावा जिला प्रशासन के सहयोग से अधिकारियों की तैनाती उपकेंद्रों पर की है। वैकल्पिक मानव संसाधन, वाहन की व्यवस्था, मजिस्ट्रेट की तैनाती उपकेंद्रों पर की गई है। विद्युत आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के लिए हेल्पलाइन 1912 और निगम के टोल फ्री नंबर 18001805025 पर शिकायत की जा सकती है।

-एक और नियंत्रण कक्ष स्थापित

विद्युत कर्मियों के हड़ताल को देख विद्युत विभाग मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष 0542-2300177 के अतिरिक्त एक अन्य नियंत्रण कक्ष काशी इंटीग्रेटेड कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर पर स्थापित किया गया हैं। जिसका दूरभाष नम्बर 0542-2720005, 1533, 18001805567 है। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के अनुसार विद्युत विभाग की हड़ताल सम्बंधित समस्त समस्याओं/शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारिओं को तैनात किया गया है। नियंत्रण कक्ष की प्रभारी संजय कुमार अपर जिलाधिकारी है। इस नियंत्रण कक्ष से विद्युत विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर विद्युत कर्मियों की हड़ताल के दौरान आने वाली समस्त समस्याओं का समाधान होगा।