देश के लिए चार युद्ध लड़ने वाले सैनिक मानसिंह का निधन
देश के लिए चार युद्ध लड़ने वाले सैनिक मानसिंह का निधन
झुंझुनू, 10 सितंबर। देश के लिए चार युद्ध लड़कर 14 मैडल लेने वाले तथा 1971 के पाकिस्तान के साथ युद्ध में रावलपिंडी तक पहुंचने वाले जाबांज योद्धा सूबेदार मानसिंह का 90 साल की उम्र में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। परिवार व ग्रामीणों की मौजूदगी में सैनिक बेटों ने सेल्यूट देकर अंतिम संस्कार कर किया। बड़े बेटे सुमेर सिंह ने मुखाग्नि दी गई।
सूबेदार मान सिंह का जन्म 1940 में हुआ। सेना में 1956 में राज राइफल दिल्ली में भर्ती हुए। पिता का नाम गणपत सिंह राजा अजीत सिंह की सेना में थे। सूबेदार मानसिंह ने चार युद्ध लड़े। 1965 व 1971 की लड़ाई में उत्कृष्ट कार्य करने पर रक्षा पदक सैन्य सेवा पदक सराहनीय सेवा, सेना पदक, संग्राम पदक, नागा हिल्स पदक सहित 14 पदक मिल चुके। उनकी तीन पीढ़ियां फौज में रही है। उनके पिता गणपत सिंह भी फौज में राजा अजीत सिंह की रिसाला सेना में रहे हैं। पुत्र रामवीर सिंह नायब सूबेदार से सेवानिवृत्त व भतीजा सुरेंद्र फौजी भी सेना से सेवानिवृत्त है। वहीं दूसरा भतीजा विजय सिंह आसाम में तैनात है।
1971 की लड़ाई में अदम्य साहस के लिए वीरता के कई मैडल मिले थे। भतीजे सुरेंद्र फौजी ने बताया चाचा मानसिंह ने 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया था। उन्होंने बताया था कि जब जंग छिड़ी तो पूरी प्लाटून को पनडोरी जलगांव पंजाब से लड़ाई शुरू करने के आदेश मिले थे। इनकी कंपनी ने लड़ाई लड़ते-लड़ते 80 किलोमीटर पाकिस्तान के अंदर रावलपिंडी तक पहुंच गए थे। उन्होंने उस युद्ध में भूखे रहकर भी लड़ाई लड़ी उनके पैर में भी छर्रे लगे थे। लेकिन इनका हौंसला चरम पर था युद्ध के किस्से कई बार परिवार के बीच बैठकर सुनाया करते थे।
अंतिम संस्कार में बेटे सूबेदार विजयसिंह, रामवीरसिंह, सुरेंद्र फौजी, रणवीरसिंह, पोते प्रदीप, अभिषेक, अजीत सिंह, तनुजसिंह, कौशल, रवि, शेखर सहित दिलीप सिंह, जयपाल सिंह निर्वाण, गोपाल घुमरिया, संजय गुप्ता, टिकू सिंह, नीलूसिंह, राकेश सिंह, रामवीरसिंह, समयसिंह, दिलीप सिंह, मदनसिंह, नरेंद्र सिंह, हरि सिंह, हनुमानसिंह, संदीप गुप्ता सहित अनेक लोगों ने अंतिम विदाई दी।