सिंगोल राजतन्त्र का प्रतीक, संविधान लोकतंत्र की आत्मा : श्यामलाल पाल
सिंगोल राजतन्त्र का प्रतीक, संविधान लोकतंत्र की आत्मा : श्यामलाल पाल
प्रयागराज, 12 अगस्त । समाजवादी पार्टी(सपा) के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने रविवार को शहर पश्चिमी के मुंडेरा स्थित एक गेस्ट हॉउस में आयोजित कार्यक्रम में 'संविधान मान स्तम्भ' का अनावरण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सिंगोल राजतन्त्र का प्रतीक है, जबकि संविधान लोकतंत्र की आत्मा है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश की केंद्र एवं प्रदेश में जबसे भाजपा सत्ता में आई है लगातार संविधान एवं लोकतंत्र को ख़त्म कर तानाशाही शासन करने पर उतारू है। संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाकर आम आदमी के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पंचायत में आरक्षण देकर सामाजिक न्याय को साकार किया था।
एमएलसी डॉ मानसिंह यादव ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर ने अपने जीवन काल में जो उपेक्षा, बदहाली एवं सामाजिक आर्थिक पीड़ा का अहसास किया था, उनकी मंशा थी कि आजादी के बाद पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यक समाज सहित वंचितों को उस पीड़ा से न गुजरना पड़े। इसकी व्यवस्था उन्होंने संविधान में अधिकार देकर की थी। लेकिन भाजपा सरकार संविधान में विश्वास नहीं करती है। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद का विरोध समाजवाद ही कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष सैयद इफ़्तेख़ार हुसैन एवं संचालन महासचिव रविन्द्र यादव ने किया।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने फूलपुर में अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन द्वारा आयोजित गोष्ठी में कहा कि भाजपा सरकार में जन प्रतिनिधियों के अधिकार सीमित किये जा रहे हैं। भाजपा विधायकों की शिकायत सुनने में आती है कि प्रशासन उनकी नहीं सुनता है।
विधायक आशु मालिक ने कहा कि पंचायतों को और अधिकार दिया जाय। इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष गंगापार अनिल यादव, यमुनापार पप्पूलाल निषाद, इसरार अंजुम, अमरनाथ सिंह मौर्य, पंधारी यादव, मयंक यादव जोंटी, दान बहादुर मधुर, मो अजहर, कुलदीप यादव, सुग्गन पाल, राजू पासी, संदीप विश्वकर्मा, सविता कैंथवास, आरती पाल, शशि भूषण पाण्डेय आदि मौजूद रहे।