महिला शक्ति ही समाप्त कर सकती है दहेज की कुरुति : आनंदी बेन पटेल
देश मे कैंसर और टीबी को बताया बड़ी चुनौती
गाजियाबाद, 17 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को यहां कहा कि देश में महिला शक्ति ही दहेज जैसी कुरुति को जड़ से खत्म कर सकती है। इसके लिए समस्त महिलाओं को यह संकल्प लेना होगा कि वह अपने बेटे के लिए ज्यादा दहेज लाने वाली बहू नहीं बल्कि संस्कारी और शिक्षित बहु लाएंगी। साथ ही दहेज लेने से परहेज करेंगी।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मोहननगर स्थित आईटीएस सभागार में आयोजित स्वयं सहायता समूह के वित्तीय सहायता वितरण समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने देश मे टीबी व कैंसर से निपटने को बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल जिस समाज से आते थे, मैं भी उसी पटेल समाज से ही आती हूं। एक जमाने में पटेल समाज में दहेज का बहुत प्रचलन था। बिना दहेज के बच्चियों की शादियां नहीं हो पाती थी । जिसके कारण मां-बाप खासे परेशान रहते थे। राज्यपाल ने कहा कि सरदार पटेल ने दहेज के खिलाफ बहुत काम किया । उनके पास जब भी कोई शादी का निमंत्रण लेकर जाता था तो उनका एक ही सवाल होता था कि उन्होंने अपने बेटे को कितने रुपए में बेचा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रुपए में गाय भैंसों को खरीदा या बेचा जाता है, उसी तरह हमारे समाज में भी यह काम होता था। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महापुरुषों के प्रयास से यह दहेज जैसी कुरुति पटेल समाज में लगभग खात्मे की तरफ है। उन्होंने कहा कि इस कुरुति को कोई और नहीं बल्कि महिला शक्ति ही खत्म कर सकती है। इसके लिए महिलाओं को संकल्प लेना होगा कि वह पढ़ी-लिखी शिक्षित अपने बेटे के लिए बहू लेंगी लेकिन दहेज नहीं लेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि देश में कैंसर और टीबी जैसी बीमारियां घातक रूप धारण करती जा रही हैं और इनसे निपटना बड़ी चुनौती है। इन बीमारियों का इलाज काफी महंगा होता है और आम आदमी नहीं करा पाता है।देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी की इस परेशानी को खत्म करने के लिए आयुष्मान योजना चालू की। जिसमे पांच लाख रुपये का बीमा होता है।जिससे बीमारी होने पर उसका इलाज आसानी से हो सके।
इससे पहले उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूह को आर्थिक सहायता के चेक भी वितरित किए। उन्होंने बताया कि कुल 510 आंगनबाड़ियों को गोद लिया गया है। इस मौके पर महापौर आशा शर्मा भी मौजूद थी।