मंत्री नंदी ने नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रबंधक को किया निलंबित

भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी की सख्ती के बाद एक्शन में मंत्री

मंत्री नंदी ने नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रबंधक को किया निलंबित

लखनऊ, 20 जुलाई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त तेवर को देखते हुए मंत्री भी हरकत में आ गये हैं। योगी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बुधवार को नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रबंधक गौरव बंसल को निलंबित कर दिया है। मंत्री नंदी ने गौरव बंसल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। आरोप है कि बंसल ने पद पर रहते हुए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है। अपने रिश्तेदारों और करीबियों को लाभ पहुंचाया है।

विभागीय जांच के आदेश

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में अनियमितता की जड़ें जमा चुके अधिकारियों व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। औद्योगिक विकास विभाग में मनमानी करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने एक और कार्रवाई करते हुए नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात प्रबंधक गौरव बंसल को निलम्बित कर दिया है। आरोपी अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। इसके लिए जांच अधिकारी की नियुक्ति की गई है।

प्रबंधक गौरव बंसल पर आरोप है कि उन्होंने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनाती के दौरान अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्वयं अपने स्तर से पुराने भूखंडों का आवंटन निरस्त कर अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया। जांच में शिकायत सही मिलने पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बुधवार को नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के प्रबंधक गौरव बंसल के निलम्बन के साथ ही कार्रवाई का आदेश जारी किया।

पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात दो अधिकारियों के खिलाफ निलम्बन के साथ ही यूपीसीडा वाराणसी रीजन में तैनात एक अधिकारी के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई हो चुकी है। मंत्री नन्दी ने पिछले दिनों अनियमितता के आरोप में ग्रेटर नोएडा में विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात नवीन कुमार सिंह एवं उप महाप्रबंधक निमिषा जैन के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच के निर्देश दिए थे। वह जांच चल रही है।

मुख्यमंत्री की मंत्रियों को नसीहत

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा था कि भ्रष्टाचार, अनियमितता की एक भी घटना स्वीकार्य नहीं है। निर्णय मेरिट के आधार पर लें। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। जनता की भावनाओं के अनुरूप ही सरकार काम करेगी।