लखनऊ, 20 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किसानों के लिए दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान को झूठ का पुलिंदा बताया। कहा कि एक जिम्मेदार नेता होने के नाते अखिलेश को बयान देने से पहले किसानों के हित में किए गए योगी सरकार के कार्यों को देख लेना चाहिए था। योगी सरकार ने कार्यभार संभालते ही प्रदेश के 86 लाख से अधिक सीमांत किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया था। सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर उनको राहत दी थी।
रविवार को जारी बयान में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सपा के मुखिया किसानों के लिए योगी सरकार के उठाए गए कदमों से अंजान हैं। वह जमीनी हकीकत को देखना नहीं चाहते हैं। 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार में चीनी मिलों को बेचने और बंद करने का काम किया गया, लेकिन प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बंद चीनी मिलों को चालू कराकर लाखों गन्ना किसानों को राहत देने का काम किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज 119 चीनी मिलों का संचालन किया जा रहा है। चीनी मिलों का गन्ना मूल्य भुगतान में उप्र सरकार ने रिकार्ड बना दिया है। सरकार पिछले तीन सालों में प्रदेश की 119 चीनी मिलों का गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी है। वहीं, इस साल चीनी मिलों का 21228.61 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार ने साढ़े चार सालों में गन्ना किसानों को रिकार्ड 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। किसानों के हित की बात करने वाले अखिलेश यादव के कार्यकाल में 95 हजार करोड़ का भुगतान ही किया गया था। प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसानी को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा। प्रदेश में किसान विज्ञान केन्द्र खोले जा रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान रबी सीजन में अब तक 55.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो चुकी है, जबकि 89 फीसदी किसानों को भुगतान भी हो चुका है। किसानों को अब तक सरकार 36,500 करोड़ से अधिक का भुगतान कर चुकी है। जबकि किसानों के हित की बात करने वाली अखिलेश सरकार में 2012-17 के बीच लक्ष्य से 42.51 फीसदी ही गेहूं खरीद की गई थी।
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार में 222 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य था, लेकिन किसानों से 94.38 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं खरीद की गई। किसानों को भुगतान करने में अखिलेश सरकार फिसड्डी साबित हुई है। अखिलेश सरकार में 12,808.67 करोड़ का ही भुगतान किया गया।