चंद्रोदय मंदिर : आलौकिक छठा के बीच भक्तों को ठाकुर श्रीश्री राधावृन्दावन चंद्र ने दिए दर्शन

सुरभि गौशाला में गौमाता के लिए विशेष रूप से निर्मित छप्पन भोग का हुआ आयोजन

चंद्रोदय मंदिर : आलौकिक छठा के बीच भक्तों को ठाकुर श्रीश्री राधावृन्दावन चंद्र ने दिए दर्शन

मथुरा, 30 अगस्त। लीला पुरूषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर सोमवार शाम ब्रज क्षेत्र श्रीधाम वृन्दावन स्थित चंद्रोदय मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान मंदिर को फूल बंगला एवं रंगोली के माध्यम से बड़े ही मनोहर रूप से सजाया।



जन्माष्टमी महामहोत्सव का प्रारंभ सोमवार मंगला आरती की शंख ध्वनि के साथ हुआ। इसके बाद भगवान श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र की धूप आरती, नवीन पोशाक धारण, फूल बंगला, झूलन उत्सव एवं छप्पन भोग का आयोजन किया गया। संध्या बेला में ठाकुर श्रीश्री राधावृन्दावन चंद्र जी के पालकी उत्सव का आयोजन किया गया। इसके पश्चात राधा वृन्दावन चंद्र का महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण, पंचगव्य, शहद, मिश्री एवं 108 प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी-बूटियों एवं फूलों से महाभिषेक प्रक्रिया को सम्पन्न कराया गया।

इस मौके पर ठाकुर राधावृन्दावन चंद्र को सप्त रंग युक्त रेशम एवं चांदी से कढ़ाई किए हुए, वस्त्र धारण कराए गए। इस दौरान निताई गौरांग को भी बहुत मनमोहक वस्त्र धारण कराये गए एवं उन्हें विशेष रूप से तैयार की गई पुष्पों की माला से सजाया गया।



गौमाता के लिए विशेष रूप से तैयार 56 भोग



मंदिर परिसर स्थित सुरभि गौशाला में गौ-माता के लिए विशेष रूप से तैयार 56 भोग का कार्यक्रम किया गया। मध्यरात्रि में आयोजित महाभिषेक उत्सव के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण मंदिर प्रांगण में उपस्थित होकर श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र का शुभाशीष प्राप्त किया। मध्यरात्रि के 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, भगवान के नाम के जयकारों से सारा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।


इस अवसर पर मुख्य रूप से भरतार्षभ दास, युधिष्ठिर कृष्ण दास, रसराज कृष्ण दास, कैवल्यपति दास, सुरेश्वरा दास, अंगद कृष्ण दास एवं जनक दास सहित अन्य भक्त एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।