लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की खुशी ग्रामीण अंचल में भी बिखरी, सजी झांकी

लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की खुशी ग्रामीण अंचल में भी बिखरी, सजी झांकी

लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की खुशी ग्रामीण अंचल में भी बिखरी, सजी झांकी

वाराणसी, 30 अगस्त  धर्म नगरी काशी में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) सोमवार को उत्साहपूर्ण माहौल में मन रहा है। दो दिवसीय जन्मोत्सव में पहले दिन गृहस्थ कान्हा का जन्मोत्सव मना रहे हैं। मंगलवार को साधु संत कान्हा का प्राकट्य उत्सव मनायेंगे।



श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व जिले के ग्रामीण अंचल में भी हर्षोल्लास के साथ मन रहा है। जिले के मोहनसराय, राजातालाब, शहावाबाद, दरेखु, गंगापुर, अखरी, रोहनिया, लठीया, बच्छाव, काशीपुर, बिरभानपुर, कनेरी, टोडरपुर, बढ़ईनी, मातलदेइ, भवानीपुर, सिहोरवा, पनियरा, जख्खिनी मरुई, तिलंगा, जयापुर, मिल्कीचक, भीमचण्डी आदि गांवों में विभिन्न प्रकार की झांकियां और रंग-बिरंगे झालर बत्तियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा हो रही है। श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष व्रत रखकर कान्हा के भक्ति में डूब गये हैं।



बड़ी शीतला माता मंदिर में राधा कृष्ण की आरती उतारी गई

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दशाश्वमेध घाट स्थित बड़ी शीतला माता मंदिर के प्रांगण में विराजित राधा कृष्ण की आरती उतारी गई। नमामि गंगे के सदस्यों ने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर आरती उतारी। इसके बाद राधा कृष्ण का पूजन अर्चन किया। इस दौरान संस्था के राजेश शुक्ला ने लोगों से भगवान श्रीकृष्ण के सिद्धांतों को जीवन में उतारने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गाय, माखन-मिश्री, बांसुरी, कमल, मोर पंख से बेहद प्रेम कर दुनियाभर को समतामूलक समाज का संदेश कान्हा ने दिया। प्रदूषण के प्रतीक कालिया नाग को हरा कर यमुना नदी को विषैले जहर से मुक्त किया। शरीर में कंस का अर्थात् अहंकार का राज्य न रहे अपितु श्री कृष्ण की प्रेम, समत्व की बंसी बजे। हर परिस्थिति में समता, प्रसन्नता हो यही जन्माष्टमी का संदेश है। श्रीकृष्ण का जीवन एक समग्र जीवन है। कृष्ण की प्रत्येक लीला हमें कुछ-ना-कुछ संदेश अवश्य देती है।