विद्यार्थियों की मदद को लखनऊ विवि ने शुरू की वीसी केयर फंड, पहले दिन मिला पौने चार लाख रुपये
-तीस लोगों ने पहले दिन दिया दान, जरूरतमंद बच्चों की होगी मदद
लखनऊ, 09 अप्रैल । लखनऊ विश्वविद्यालय ने जरूरतमंद विद्यार्थियों की वित्तीय मदद के लिए एक अनूठी पहल की शुरुआत शनिवार को मंथन हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में "वी सी केयर फंड" के तहत की। सूत्र वाक्य “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास सबका विश्वास ” की अवधारणा से प्रेरित, जरूरतमंद छात्रों के हित में शुरू की गई इस पहल के शुरुआत होते ही कई हाथ छात्र हित में आगे बढ़े । समाज के सभी वर्गों को छात्र हित में जोड़ने के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय के प्रयासों को आशानुरूप प्रोत्साहन पहले ही दिन देखने को मिला और 383000 रुपये पहले दिन ही एकत्रित हो गया। यह दान राशि 30 लोगों ने दी है।
दान देने वाले सुधीजनों में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, प्रोफेसर और अधिकारियों के साथ ही साथ श्रीमती संगीता राय, प्रसून वर्मा (उप निदेशक, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय), शिवांगी मिश्रा (प्रबंधक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया), डॉ. मयंक त्रिवेदी (असिस्टेंट प्रोफेसर, बी बी डी विश्वविद्यालय), डॉ. महेंद्र सिंह (प्राचार्य, के के पी जी काॅलेज, इटावा), डॉ. वी एन मिश्र (एसोसिएट प्रोफेसर, कालीचरण पी जी कालेज) शामिल हैं।
इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल मंत्र ही परोपकार है और शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य भी यही है। इसीलिए हमें "नेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते , इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः" यानी "दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से सुख भोग्य बनते हैं, यहाँ और परलोक में इन्सान दान से पूज्य बनता है " की सीख दी जाती है । उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस छात्र कल्याण केंद्रित कार्यक्रम में आगे बढ़कर भागीदार बनने और इस मुहिम को आगे बढ़ाने की अपील की।
इस कार्यक्रम का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने किया था और उन्होंने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस निधि को बैंक में खोले गए स्वीकृत बैंक खाते से संचालित किया जाएगा। वी सी केयर फंड हेतु निधि भारतीय, भारतीय मूल के विदेशी नागरिक, संस्थाओं द्वारा दिए गए दान के माध्यम से उत्पन्न की जा सकेगी। यदि कोई दान किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए आती है तो फंड का उपयोग उस उद्देश्य के लिए ही किया जाएगा।
दान के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है लेकिन न्यूनतम 5000 रुपये निर्धारित की गई है। इसी प्रकार किसी छात्र की सहायता हेतु एक वित्तीय वर्ष में 50000 रुपये की सीमा निर्धारित की गई है। इस कार्यक्रम में सभी अधिषठाता, शिक्षक एवं प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।