काशी तमिल संगमम: तमिल स्वयं सहायता समूह प्रतिनिधियों ने हनुमान घाट पर किया गंगा स्नान

- तमिल महाकवि सुब्रमण्यम भारती के घर भी पहुंचे - दक्षिण भारतीय मंदिरों के इतिहास के बारे में जाना

काशी तमिल संगमम: तमिल स्वयं सहायता समूह प्रतिनिधियों ने हनुमान घाट पर किया गंगा स्नान








वाराणसी, 21 फरवरी (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-3 में भाग लेने के लिए तमिलनाडु से आए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने शुक्रवार को हनुमान घाट पर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा पूजन कर घर-परिवार और प्रदेश की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

दल में शामिल तमिल आचार्यों से गंगा के विभिन्न घाटों के इतिहास और निर्माण की जानकारी ली। इस दल ने घाट पर स्थित दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। सभी मेहमानों को गाइड ने मंदिरों के इतिहास, दिव्यता और भव्यता के बारे में जानकारी दी।

तमिल मेहमान हनुमान घाट स्थित महाकवि सुब्रमण्यम भारती के घर भी गए और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में काफी कुछ जानने की जिज्ञासा दिखी। उन्होंने सुब्रमण्यम भारती के घर के समीप पुस्तकालय का भी भ्रमण किया और उसके बारे में जानकारी प्राप्त की।

महाकवि सुब्रमण्यम भारती के घर भ्रमण करने के बाद यह दल कांची मठ पहुंचा और वहां के इतिहास के बारे में जानकारी ली। मठ में दक्षिण भारत के स्थानीय विद्वान श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पं. वेंकट रमण घनपाठी ने दल को बताया कि काशी के हनुमान घाट, केदारघाट, हरिश्चंद्र घाट पर मिनी तमिलनाडु बसता है। जहां एक-दो नहीं, बल्कि दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों के हजारों परिवार बसते हैं। हनुमान घाट पर 150 से अधिक घर तमिल परिवारों के हैं।

स्वयं सहायता समूह में शामिल राधेकृष्णा ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर काफी बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल काफी अच्छी है जो हम लोग काशी, प्रयागराज और अयोध्या का भ्रमण कर रहे हैं। हमारी वाराणसी यात्रा काफी अच्छी रही है। उन्होंने बताया कि वे 2012 में काशी आये थे लेकिन अब की काशी स्वच्छ और साफ है। काशी विश्वनाथ मंदिर जाने का रास्ता भी काफी आसान हो गया है।