असलहा जमा न करने में मुख्तार अंसारी और गजल होटल प्रकरण में अब्बास के खिलाफ फैसला सुरक्षित

असलहा जमा न करने में मुख्तार अंसारी और गजल होटल प्रकरण में अब्बास के खिलाफ फैसला सुरक्षित

असलहा जमा न करने में मुख्तार अंसारी और गजल होटल प्रकरण में अब्बास के खिलाफ फैसला सुरक्षित

प्रयागराज, 09 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असलहा जमा न करने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी और गजल होटल प्रकरण में अब्बास अंसारी के खिलाफ फैसला सुरक्षित कर लिया है। दोनों ही मामलों में न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की पीठ सुनवाई कर रही थी।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ यूपी सरकार की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। यूपी सरकार की मांग है कि असलहा जमा न करने का मामला गाजीपुर की बजाय वाराणसी में चलाया जाए। क्योंकि, असलहे का लाइसेंस वाराणसी से ही जारी हुआ था। वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। बावजूद इसके मुख्तार ने असलहे को जमा नहीं किया।

हालांकि, मुख्तार अंसारी की ओर से इसका विरोध किया गया है। उनके अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि यह मामला गाजीपुर की जिला अदालत में चल रहा है। अदालत को किसी तरह की शिकायत नहीं है। केस वाराणसी स्थानांतरण करने का कोई कारण सरकार के पास नहीं है। मुकदमा 2020 में गाजीपुर में ही दर्ज हुआ है। इसलिए मुकदमा वहीं चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया।

इसी तरह गजल होटल प्रकरण में अब्बास पर सरकारी जमीन पर होटल बनाने का आरोप लगाया गया है। अब्बास की तरफ से कहा गया कि जमीन लेकर जब होटल बनाया गया था तब वह 13 साल का था। उनकी मां ने उनके नाम जमीन खरीदकर होटल बनवाया। इसमें उनका कोई भूमिका नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।