प्रयागराज: कोरोना काल से शिक्षा एक चुनौती बन गई : बांके बिहारी पाण्डेय

पिछले दो वर्षों से छोटे बच्चों की पढ़ाई शुरू नहीं हुई : उत्कर्ष तिवारी

प्रयागराज: कोरोना काल से शिक्षा एक चुनौती बन गई : बांके बिहारी पाण्डेय

प्रयागराज, 23 जुलाई । रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने “महामारी की विषम परिस्थितियों में शिक्षा जगत पर प्रभाव“ पर आयोजित वेबीनार में कहा कि जब से कोरोना आया तब से सभी विद्यालय, शिक्षक एवं छात्रों के लिए शिक्षा एक चुनौती बन गयी है। जो छात्र बड़ी कक्षा में हैं उनको मोबाइल या ई-लर्निंग में कोई समस्या नहीं है। लेकिन जो छात्र छोटे-छोटे हैं, उनको कुछ समझ में नहीं आ रहा है। कई छात्रों के पास इंटरनेट एवं मोबाइल की सुविधा ही नहीं उपलब्ध है। ऐसे में वह पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।



शुक्रवार को बंधन फाउंडेशन एवं रानी रेवती देवी विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबीनार में उन्होंने कहा कि समस्या सिर्फ छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी हो रही है, जो शिक्षक ब्लैकबोर्ड पर पिछले कई वर्षो से पढ़ा रहा है, उसे अचानक से तकनीक का उपयोग करने में असहजता महसूस हो रही है। आज विद्यालय में छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से भी कम रह गयी है और जो छात्र विद्यालय आते भी हैं उनको भी कोरोना का प्रोटोकॉल पालन करवाने में कठिनाई होती है।

बंधन फाउंडेशन के अध्यक्ष उत्कर्ष तिवारी ने कहा कि एक तरफ तो कोरोना ने शिक्षा जगत में तकनीकी क्रांति लायी है, जहां विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय पढ़ाई का अवसर मिला। वहीं दूसरी तरफ जिस उम्र में शिक्षा का आधार रखा जाता है, प्राइमरी से लेकर जूनियर तक के बच्चों को तकनीकी ज्ञान न होने का कारण उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जो माता-पिता अपने बच्चों का प्रवेश 03 से 04 वर्ष में करवा देते थे, पिछले दो वर्षों में भय के कारण अभी तक उनकी पढ़ाई शुरू नहीं करवा रहे हैं।


उन्होंने कहा कई मां-बाप तो डरते हैं कि कहीं उनके बच्चे इंटरनेट एवं मोबाइल का अनुचित उपयोग न शुरू कर दें, जो इस बदले दौर में बहुत गम्भीर समस्या बनकर सामने आ रही है। वेबिनार में विद्यालय के छात्र-छात्राएं, शिक्षक-अभिभावक एवं संस्था की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ स्वाति चौधरी, प्रदेश सचिव सोनी लखमानी, श्रुति श्रीवास्तव, यश सिंह, प्रज्ज्वल वर्मा, अंजलि आदि शामिल रहे।