विद्यालयों के दुरुपयोग के लिए माफियाओं को नहीं दी जाएगी स्वतंत्रता : मुख्यमंत्री
प्रदेश में बेहतर शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है सरकार, गरीब बच्चों को मिले बेहतर शिक्षा
10 जुलाई। कोरोना काल में विद्यालयों के न खुलने से कहीं न कहीं शिक्षा प्रभावित हुई है। इन सबके बावजूद सरकार का पूरा प्रयास है कि गरीब बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिले। इसके लिए सभी विद्यालयों को सख्त आदेश दिये गये हैं कि मोबाइल से बच्चों को बराबर शिक्षा देते रहें। इसके साथ ही यह भी प्रयास है कि विद्यालयों के दुरुपयोग के लिए माफियाओं को किसी भी हाल में स्वतंत्रता नहीं दी जाएगी। यह बातें शनिवार को कानपुर के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक विद्यालय प्रबंधक महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल धर्म प्रकाश गुप्त के नेतृत्व में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। प्रतिनिधिमंडल शिक्षा से संबंधित समस्याओं को लेकर अपना ज्ञापन दिया। ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा 36 विद्यालयों के जिलानी के आदेश एडेड स्कूलों के बिजली बिल के भुगतान के संबंध में आर्थिक समस्या तथा वित्तविहीन विद्यालयों में ठीक ना आने के कारण वहां के शिक्षक कर्मचारियों आदि के वेतन भुगतान की समस्या के बारे में था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुराने विद्यालयों का सर्वे इसलिए करवाया था कि कोई हादसा होने के पहले सरकार द्वारा पुराने विद्यालयों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके भवनों का नवीनीकरण हो जाए और उसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। निश्चित रुप से यह आदेश सरकार की मंशा के विपरीत है जिसका कोई सरकारी आधार नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विचार कर रही है की विद्यालयों के स्तर में सुधार लाने के लिए वहां के प्रबंधकों को सशक्त किया जाए तथा विद्यालयों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए कुछ उपाय किए जाएं, जिनकी योजना शीघ्र ही घोषित की जाएगी। बिजली के बारे में भी मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस आर्थिक कठिनाई को दूर करने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार निर्बल वर्ग के बच्चों के शिक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और किसी भी माफियाराज को यह स्वतंत्रता नहीं दी जाएगी कि वह विद्यालयों का दुरुपयोग करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विद्यालयों की बिना उपयोग बेकार पड़ी जमीन पर निर्माण कर उससे विद्यालय आय के साधन बनाएं, जिससे विद्यालय का विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा कि वह भी अपनी संस्थाओं के द्वारा विद्यालयों का संचालन कर रहे हैं। इसलिए वह प्रबंधकों की तकलीफ से पूर्णता वाकिफ हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को स्वयं फोन करके विद्यालयों की समस्याओं का हल निकालने के लिए कहा।
प्रतिनिधिमंडल में धर्म प्रकाश गुप्ता, केदारनाथ गुप्ता, सुरेंद्र नाथ पांडेय, बृजराज गुप्ता आदि मौजूद थे।