महाकुम्भ की धरा से गााय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की उठी मांग

महाकुम्भ की धरा से गााय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की उठी मांग

महाकुम्भ की धरा से गााय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की उठी मांग

-गोरक्षा सम्मेलन में गोसंरक्षण, गोवंश संवर्द्धन और गोचर भूमि की रक्षा हेतु 11 प्रस्ताव पारित-सम्मेलन में 4000 से अधिक पदा​धिकारी और कार्यकर्ता हुए शामिल

महाकुम्भ नगर, 20 फरवरी (हि.स.)। जो गाय को दुर्घटना के लिए छोड़ देते हैं उनको कभी मोक्ष नहीं मिलता। शास्त्रों में गौ माता का महत्व वर्णित है। हमारे शारीरिक, आर्थिक, मानसिक विकास की आधार गौ माता है। विश्व हिन्दू परिषद गोरक्षा विभाग के अखिल भारतीय प्रमुख दिनेश उपाध्याय गुरुवार ने गोररक्षा सम्मेलन में अपने विचार रखे।

गाैरतलब है कि सम्मेलन में देश भर से गोरक्षा के काम में जुड़े 4000 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। सम्मेलन में गोसंरक्षण, गोवंश संवर्द्धन और गोचर भूमि की रक्षा हेतु 11 प्रस्ताव पारित किये गये।

दिनेश उपाध्याय ने कहा, केवल हिंदू ही गाय को माता कहता है। और हिंदू ही विश्व कल्याण की भावना रखता है। कुम्भ के अवसर पर इस पवित्र संगम की धरती से गाय को राष्ट्र माता का दर्जा मिले यह भी हमारी मांग है। गाय बचेगी तो विश्व बचेगा।

सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे तिरूपिता स्वामीजी ने कहा, आजीवन हम गौ दुग्ध का सेवन करते हैं। इसलिए गाय हमारी माता है। गौ पालन का विषय समाज में ले जाने के प्रयास करने होंगे। गांवों में गौ संरक्षण के कार्य चल रहे हैं। गौ माता से मिलने वाली लाभों के विषय में समाज को अवगत कराना कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है।

दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए अखिल भारतीय गोरक्षा प्रमुख दिनेश उपाध्याय ने गोरक्षा विभाग के प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला। देश भर से आए गोरक्षा विभाग के कार्यकर्ताओं को अंगवस्त्रम पहनाकर उनका स्वागत किया गया। अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम में गोपालन के विषय में अपने​ विचार रखे।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हुकुमचंद सावला संरक्षक, ठाकुर गुरु प्रसाद, डॉ माधवी गोस्वामी, परेश कुमार सिंह, भगत सिंह, शशांक शेखर, लखनऊ क्षेत्र प्रमुख पूरन सिंह के अलावा काशी प्रांत गोरक्षा विभाग के प्रांत मंत्री लालमणि तिवारी एवं गोरखा विभाग के प्रांत अध्यक्ष भोलानाथ मिश्र और देश भर से आए कार्यकर्ता उप​स्थित थे।