जीवन की सबसे बड़ी सौगात है कॉम्पिटिशनः प्रधानमंत्री
जीवन की सबसे बड़ी सौगात है कॉम्पिटिशनः प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 01 अप्रैल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कॉम्पिटिशन (प्रतिस्पर्धा) को हमें जीवन की सबसे बड़ी सौगात मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कॉम्पिटिशन ही नहीं है तो जिंदगी नीरस सी हो जाती है।
यहां तोलकटोरा इंडोर स्टेडियम में टाउन हॉल इंटरएक्टिव प्रारूप में कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों, बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने यहां छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सच में तो हमें कॉम्पिटिशन को आमंत्रित करना चाहिए, तभी तो हमारी कसौटी होती है। कॉम्पिटिशन जिंदगी को आगे बढ़ाने का एक अहम माध्यम होता है, जिससे हम अपना मूल्यांकन भी कर सकते हैं।
उन्होंने कॉम्पिटिशन को जीवन की सबसे बड़ी सौगात बताते हुए कहा कि कॉम्पिटिशन ही हमारी कसौटी होती है। कॉम्पिटिशन जिंदगी को आगे बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए दिमाग खपाने के बजाय खुद को योग्य, शिक्षित व्यक्ति बनाने के लिए, विषय का मास्टर बनने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए। फिर परिणाम जो मिलेगा, सो मिलेगा।
उन्होंने छात्रों को एकाग्रचित्त होकर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने का टिप्स देते हुए कहा कि ध्यान बहुत सरल है। आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए। अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है। जो वर्तमान को जान, समझ पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ने छात्रों को खुद का मूल्यांकन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रीप्ले (दोहराना) करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुभव को आत्मसात करने वाले रीप्ले बड़ी आसानी से कर लेते हैं, जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती। जिस चीज में आपको आनंद आता है, आपको उसके लिए अपने आप को कम से कम एडजस्ट करना पड़ता है, वो रास्ता छोड़ने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा किउस कंफर्ट अवस्था में भी आपका काम है आपकी पढ़ाई और अधिकतम परिणाम उसमें से आपको जरा भी हटना नहीं है।