मन की बात : चेन्नई के गुरुप्रसाद ने मोदी के तमिल प्रेम पर तैयार की ई-बुक

मन की बात : चेन्नई के गुरुप्रसाद ने मोदी के तमिल प्रेम पर तैयार की ई-बुक

मन की बात : चेन्नई के गुरुप्रसाद ने मोदी के तमिल प्रेम पर तैयार की ई-बुक
नई दिल्ली, 27 जून। चेन्नई के थिरु आर गुरुप्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तमिल प्रेम को बयां करने वाली एक ई-बुक तैयार की है। पुस्तक में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा तमिलनाडु को लेकर की गई बातों को सहेजा गया है। ई-बुक को जल्द ही नमो ऐप पर अपलोड किया जाएगा।  
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 78वें संस्करण को संबोधित करते चेन्नई के गुरुप्रसाद का जिक्र किया, जिन्होंने तमिल संस्कृति और लोगों के सम्मानजनक संदर्भों पर प्रधानमंत्री की सराहना की है। ऐसे संदर्भों पर गुरुप्रसाद ने एक ई-पुस्तक संकलित की है। 
 
 प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान तमिल में बोलते हुए गुरुप्रसाद से पुस्तक में एक और लाइन जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मैं तमिल भाषा और संस्कृति का सम्मान करता हूं। मुझे इस बात पर गर्व है कि तमिल हमारी महान प्राचीन भाषाओं में से एक है।"  
 
उन्होंने कहा कि भारतीय जनमानस के लिए यह गर्व का विषय होना चाहिए कि विश्व की सबसे पुरातन भाषा तमिल भारत की है। हर हिन्दुस्तानी को इसका गुणगान करना ही चाहिए और उस पर गर्व महसूस करना चाहिए।  
 
मन की बात के नियमित स्रोता चेन्नई के थिरु आर. गुरुप्रसाद के एक पोस्ट का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “मन की बात” में मैंने तमिलनाडु के लोगों की उपलब्धियों के बारे में भी कई बार बताया है। तिरुक्कुरल के प्रति आपके प्यार और तिरुवल्लुवर जी के प्रति आपके आदर का तो कहना ही क्या ! इसलिए मैंने ‘मन की बात’ में आपने जो कुछ भी तमिलनाडु के बारे में बोला है, उन सबको संकलित कर एक ई-बुक तैयार की है। क्या आप इसको लेकर कुछ बोलेंगे और इसे नमो ऐप पर भी जारी करेंगे?  
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें गुरुप्रसाद का ये पोस्ट पढ़कर बहुत आनंद आया। उन्होंने कहा कि गुरु प्रसाद जी ये प्रयास मेरे लिए नई दृष्टि देने वाला है। क्योंकि मैं ‘मन की बात’ करता हूं तो सहज-सरल तरीक़े से अपनी बात रखता हूं।
मुझे नहीं मालूम था कि इसका ये भी एक तत्त्व था। आपने जब पुरानी सारी बातों को इकठ्ठा किया, तो मैंने भी उसे एक बार नहीं बल्कि दो बार पढ़ा। गुरुप्रसाद जी आपकी इस बुक को मैं नमो ऐप पर जरुर अपलोड करवाऊंगा। भविष्य के प्रयासों के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें।