उत्तराखंड: आठ बार विधायक रहे बुजुर्ग भाजपा नेता हरबंश कपूर नहीं रहे

उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का सफर,1985 के बाद कभी नहीं हारे चुनाव

उत्तराखंड: आठ बार विधायक रहे बुजुर्ग भाजपा नेता हरबंश कपूर नहीं रहे

देहरादून, 13 दिसम्बर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आठ बार विधायक रहे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंश कपूर का आज निधन हो गया। वे अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं।

उनके निधन की सूचना मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने दुख व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार दोपहर तीन बजे लक्खीबाग देहरादून में किया जाएगा।

विधायक हरबंस कपूर रविवार रात अपने देहरादून स्थित पर सोने के बाद सुबह उठ नहीं पाए। हरबंस कपूर दिल के मरीज थे। हरबंस कपूर के निधन की सूचना मिलते ही आम से लेकर खास और राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। विधायक की सियासी व्यवहार-कुशलता उन्हें दूसरों से अलग करती थी। सियासत की लंबी पारी की वजह से उनसे हर कोई वाकिफ भी था। हरबंस कपूर भाजपा से 8 बार विधायक रहे। वे हमेशा दिखावे से दूर रहे। यही कारण था कि हर वर्ग में उन्हें सम्मान से देखा जाता था।

हरबंस कपूर की अंतिम यात्रा दोपहर 2 बजे इन्दिरा नगर स्थित उनके आवास से शुरू होगी और प्रदेश भाजपा कार्यालय बलबीर रोड पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए 2:30 से 3 बजे तक रखा जाएगा। तत्पश्चात 3 बजे लक्खीबाग शमशान घाट अंतिम संस्कार के लिए प्रस्थान रहेगा।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने हरबंस कपूर के निधन को दुखद बताते हुए इसे एक युग का अंत बताया है। इस अपूरणीय क्षति का भरपाई करना मुश्किल है। वे हमेशा वंचित वर्गों की आवाज बनकर मुखर रहे।

राजनीति सफर

हरबंस कपूर भाजपा के वरिष्ठ नेता थे। 1985 में पहली हार के बाद, वह कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे और लगातार आठ बार (उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में चार बार और उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में चार बार) रिकॉर्ड जीते।


जमीनी स्तर के राजनेता के रूप में शुरुआत करते हुए, वह 1989 में देहरादून निर्वाचन क्षेत्र से 10वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा में शामिल हुए। उसके बाद 11वीं विधानसभा, 12वीं विधानसभा और 13वीं विधानसभा में शामिल हुए। उन्होंने 2002 में नए राज्य उत्तराखंड के पहले चुनाव में भी अपनी जीत को बनाए रखा और स्थापना के बाद सभी चुनावों में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। 2007 में, उन्हें सर्वसम्मति से उत्तराखंड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। वे 2007 से 2012 तक विधानसभा के अध्यक्ष थे।

जीवन परिचय

हरबंश कपूर का जन्म 7 जनवरी 1946 में बन्नू , उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनका परिवार भारत विभाजन के बाद देहरादून में बस गया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ अकादमी, देहरादून से पूरी की। उन्होंने डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, देहरादून से कानून में स्नातक किया ।

-उत्तर प्रदेश सरकार में ग्राम्य विकास, श्रम, सेवायोजन राज्यमंत्री (वर्ष 1991- 92)

-उत्तर प्रदेश विधानसभा की याचिका समिति, लोक लेखा समिति, आवास समिति तथा आश्वासन समिति आदि में सदस्य

-उत्तराखण्ड की पहली बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष

-उत्तराखण्ड सरकार में शहरी विकास, आवास, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री, वर्ष 2001-02

-उत्तराखण्ड विधान सभा की नियम समिति एवं लोक लेखा समिति के सदस्य, वर्ष 2003-04

-उत्तराखण्ड विधान सभा की आवास एवं व्यवसाय सलाहकार समिति के सदस्य, वर्ष 2004- 05

-12 मार्च, 2007 को सर्वसम्मति से उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित

-राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य- भारतीय जनता पार्टी

विशेष अभिरुचि

अध्ययन, भ्रमण, सामाजिक कार्यों में भागीदारी, सामाजिक क्रियाकलाप, भारत विकास परिषद, देहरादून जिला क्रीड़ा संघ एवं कई शिक्षण एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य सहित विभिन्न दायित्व का बखूबी निर्वहन किया।

विशिष्ट सामाजिक सेवाओं हेतु महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड द्वारा दून सिटीजन काउन्सिल द्वारा प्रायोजित “प्राइड आफॅ उत्तराखण्ड” पुरस्कार से सम्मानित
डा. भीष्म नारायण सिंह, पूर्व राज्यपाल द्वारा इन्डिया इन्टरनेशनल फ्रैन्डशिप सोसाइटी द्वारा प्रयोजित “भारत ज्योति पुरस्कार” से सम्मानित

राजनीतिक एवं विधायी यात्रा

भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न दायित्वों का भलीभांति निर्वहन, कई राजनीतिक आन्दोलनों का नेतृत्व करते हुए जेल यात्रा
उत्तरांचल संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान 15 दिनों तक उन्नाव जेल में बन्दी।

विदेश यात्रा

पाकिस्तान, थाईलैण्ड, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, जर्मनी, स्विट्जरलैण्ड, इग्लैंड, केन्या, मिस्र, तुर्की, इटली आदि अनेक देशों की अध्ययन भ्रमण यात्रा।