75 मीटर कैनवास पर 'उत्तर प्रदेश: आजादी की गौरवगाथा '
लखनऊ की रेजीडेन्सी में लगी है प्रदर्शनी
लखनऊ, 19 दिसम्बर । काकोरी बलिदान दिवस के अवसर पर शहीदों की याद में ‘उत्तर प्रदेश: आजादी की गौरवगाथा ‘ का चित्रांकन 75 मीटर कैनवास पर किया गया है। इस चित्रांकन में 1857 से 1947 तक स्वतंत्रता के आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रदेश के क्रान्तिवीरों के योगदान को चित्रित किया गया है। यह चित्रांकन 17 दिसम्बर से लखनऊ की रेज़िडेन्सी में शुरू किया गया। 19 व 20 दिसम्बर को रेजीडेंसी में ही इस चित्रगाथा की प्रदर्शनी लगेगी।
उ.प्र. ललितकला अकादमी के सचिव डॉ. यशवन्त सिंह राठौर ने बताया कि इसमें कला एवं शिल्प महाविद्यालय, लखनऊ के 25 छात्र-छात्राओं ने वरिष्ठ कलाकारों के मार्गदर्शन में चित्रांकन कार्य किया है। इन वरिष्ठ कलाकारों में लखनऊ से विभावरी सिंह, शिखा पाण्डेय, नई दिल्ली से कृष्णा त्रिवेदी, प्रयागराज अमरेन्दु सिंह, दिलीप कुमार, सीतापुर से विनोद कुमार सिंह लखीमपुर से अशोक शर्मा शिवम शुक्ला, सुनील सोनी विवेक जायसवाल एवं उत्तम पटेल ने चित्रगाथा में 1857 के ज्ञात-अज्ञात प्रमुख क्रान्तिकारियों को चित्रित किया किया है।
उन्होंने कहा इस चित्रांकन कार्यक्रम को रेजीडेन्सी में आयोजित करने का अपना महत्व है क्योंकि अंग्रेज अधिकारियों के दमनात्मक रवैये का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए क्रान्तिकारियों ने अंग्रेजों के मुख्य आवासीय स्थल रेज़िडेन्सी को चारों तरफ से घेरकर अंग्रेजों को भारत छोड़ना होगा।
उन्होंने बताया कि चित्रगाथा में मंगल पाण्डेय, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहेब, गंगूबाबा, झलकारी बाई, जग्गी देवी, महेन्द्र प्रताप सिंह, दुर्गावती देवी, कुंवर सिंह, बेगम हजरत महल, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी के साथ ही चौरी-चौरा के जन आंदोलन को भी चित्रांकित किया गया है। चित्रगाथा रेजीडेन्सी के दर्शकों के लिए मुख्य आर्कषण का केन्द्र होगा।