सावन माह का चौथा और अधिकमास का दूसरा सोमवार भी खास रवियोग में, रूद्राभिषेक का खास महत्व

काशीपुराधिपति दरबार में भागीरथी औैर मासिक पूर्णिमा श्रृंगार होगा, श्रावण अधिक मास की त्रयोदशी तिथि भी

सावन माह का चौथा और अधिकमास का दूसरा सोमवार भी खास रवियोग में, रूद्राभिषेक का खास महत्व

वाराणसी, 30 जुलाई । सावन माह का चौथा सोमवार भी सनातनी समाज के लिए बेहद खास संयोग में है। सावन माह का चौथा सोमवार इस बार अधिकमास में पड़ रहा है। इसलिए इसे सावन के अधिकमास का दूसरा सोमवार भी माना जा रहा है। इस सोमवार पर भी कई सुखद संयोग और शुभ संयोग बन रहा है।

ज्योतिषविदों के अनुसार चौथे सोमवार पर रवि योग सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक है। इसी दिन विष्कम्भ योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। फिर प्रीति योग शुरू हो जाएगा। रवि और प्रीति योग को बहुत शुभ माना जाता है। इसी दिन श्रावण अधिक मास की त्रयोदशी तिथि भी है। ऐसे में काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ का पूजन अर्चन,रूद्राभिषेक शुभ फलदायी है।

काशीपुराधिपति के दरबार में चौथे सोमवार पर भागीरथी औैर मासिक पूर्णिमा श्रृंगार किया जाएगा। भागीरथी श्रृंगार से पहले बाबा का मंगला आरती, भोग और शयन आरती भी होगी। बाबा के दरबार में चौथे सोमवार को भी 06 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। तीसरे सोमवार पर बाबा के दरबार में 06 लाख से अधिक शिवभक्तों ने हाजिरी लगाई थी। दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए चौथे सावन पर भी मंगला आरती को छोड़कर किसी भी आरती और सुगम दर्शन के टिकट नहीँ मिलेंगे। मंदिर के गर्भगृह में स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी। बाबा के गर्भगृह से बाहर झांकी दर्शन श्रद्धालुओं को मिलेगा। सावन के चौथे सोमवार की पूर्व संध्या पर ही बाबा का जलाभिषेक करने के लिए कांवरियों की कतार लगने लगी है। दशाश्वमेध, काशी विश्वनाथ मंदिर, चौक, ज्ञानवापी, मैदागिन आदि मार्गों पर शिवभक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। मंदिर के गेट नंबर चार से गोदौलिया और बुलानाला तक स्टील की बैरिकेडिंग लगाई है। इसी बैरिकेडिंग से होकर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं।



गौरतलब हो कि बाबा विश्वनाथ के दरबार मे सावन माह के 5वें सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, छठे सोमवार को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार, 7वें सोमवार को अर्धनारीश्वर श्रृंगार, 8वें सोमवार (28 अगस्त) को रुद्राक्ष श्रृंगार और 31 अगस्त को वार्षिक झूला श्रृंगार किया जाएगा। उधर,शहर के अन्य प्रमुख शिवमंदिरों में भी भोर से कतार लग जायेगा। मंगला आरती के बाद बीएचयू विश्वनाथ मंदिर, शूलटंकेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर, बैजनत्था महादेव, जागेश्वर महादेव, महामृत्यंजय महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव समेत शहर के सभी शिवालय सुबह से दर्शनार्थियों से पट जायेंगे।