मुख्यमंत्री ने वाराणसी के 01 लाख 56 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजा धन
अभिभावक अपने बच्चों के लिए बैग-किताब, जूता-मोजा के साथ ही स्वेटर खरीद सकेंगे
वाराणसी, 06 नवम्बर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के 01 लाख 56 हजार बच्चों के अभिभावकों के लिए भैया दूज का पर्व यादगार बना दिया। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में 17 करोड़ 16 लाख रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये भेजा। अभिभावक इन रुपयों से अपने बच्चों के लिए दो यूनिफार्म, बैग-किताब, जूता-मोजा के साथ ही स्वेटर भी खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में 13 अरब 20 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के द्वारा प्रदेश के 01 करोड़ 20 लाख परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों के खाते में डिजिटली हस्तांतरित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअली लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी का प्रयोग कर भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का प्रयास उनकी सरकार द्वारा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस दिशा में कार्य हो रहा है और काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नेक नियति व दृढ़ इच्छाशक्ति ने प्रदेश के शिक्षा में गुणात्मक सुधार ही नहीं, बल्कि एक क्रांति लाई है। ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्रदेश के 01 लाख 60 हजार परिषदीय विद्यालयों में से 01 लाख 33 हजार विद्यालयों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नेक नियति व दृढ़ इच्छाशक्ति ने प्रदेश के शिक्षा में गुणात्मक सुधार ही नहीं, बल्कि एक क्रांति लाई है। परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों में संस्कार एवं शिष्टाचार विकसित किया जाय, जो राष्ट्र का आधारशिला बनेगी। असंस्कारित बच्चे राष्ट्र नायक एवं राष्ट्र द्रोही में अन्तर नहीं कर पाते।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर नीति आयोग द्वारा वाराणसी जनपद के सेवापुरी विकास खंड के विकास कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुकंपा से यहां पर कन्वर्जन के माध्यम से आप ही अच्छे कार्य हुए हैं। यहां के आंगनवाड़ी केंद्र एवं प्राथमिक विद्यालयों में हुए उत्कृष्ट कार्य पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बन सकता है। इसे प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड में लागू किया जा सकता है। इस अवसर पर कमिश्नरी परिसर के एनआईसी में शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रधानाध्यापक, अध्यापक एवं छात्र-छात्राएं प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।