सावन माह: तड़के से बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे शिवभक्त,गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

सावन माह: तड़के से बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे शिवभक्त,गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

वाराणसी,24 जुलाई (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ दरबार में सावन माह की प्रशासनिक तैयारियों को शनिवार को अन्तिम रूप दे दिया गया। सावन माह के पहले दिन रविवार तड़के से ही शिवभक्त दरबार में हाजिरी लगायेंगे। कोरोना संकट काल के चलते इस बार भी शिवभक्तों के दर्शन पूजन पर रोक नही है।

श्रद्धालुओं को मंदिर में कोविड प्रोटोकाल का पालन करना होगा। दर्शन के लिए शिवभक्त चौक होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे। मैदागिन के रास्ते आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक भेजा जाएगा। उन्हें मंदिर परिसर के गेट-ए से प्रवेश देकर गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था मिलेगी। इसी तरह बांसफाटक से ढुंढिराज गली होकर आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर के गेट-डी से प्रवेश पाएंगे और गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से दर्शन व जलाभिषेक कर सकेंगे।

मंदिर के सीईओ के अनुसार सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह के दक्षिणी द्वार और वीआइपी-वीवीआइपी व सुगम दर्शन के टिकटधारी गेट-सी से प्रवेश कर गर्भगृह के उत्तरी द्वार से दर्शन करेंगे। मंदिर में बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नही मिलेगा। इस बार में श्रद्धालुओं को पूरे सावन माह बाबा दरबार के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नही मिलेगी। श्रद्धालुओं को बाहर से ही झांकी दर्शन मिलेंगे। उधर,सावन माह को देखते हुए मंदिर परिसर, ज्ञानवापी परिक्षेत्र में अर्धसैनिक बल के साथ स्थानीय पुलिस, पीएसी की तैनाती होगी। जगह जगह सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर लगाकर सावधानी बरती जायेगी। मंदिर में जाने केे पहले शिवभक्तों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने साथ सैनिटाइज होकर ही मंदिर में जाना होगा।



इस बार सावन में चार सोमवार,29 दिन का सावन



इस वर्ष सावन माह 29 दिनों का है। चार सोमवार पड़ रहा है। पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा दो अगस्त,तीसरा नौ अगस्त, चौथा 16 अगस्त को है। पहले सोमवार को बाबा का शिव श्रृंगार, दूसरे सोमवार को शिव-पार्वती श्रृंगार, तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर श्रृंगार, चौथे सोमवार को रुद्राक्ष श्रृंगार होगा।



पहले सोमवार को यादव बंधु करेंगे जलाभिषेक



सावन के पहले सोमवार को यादव बंधु परम्परापुसार बाबा विश्वनाथ सहित नौ शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। इसमें पीतल के ध्वज और डमरू लेकर 11 लोग ही शामिल है। कोरोना काल के कारण ये निर्णय लिया गया है। जलाभिषेक का नेतृत्व लालजी यादव करेंग।



यातायात प्रतिबंध



सावन माह में शिवभक्तों की सुविधा के लिए यातायात प्रतिबंध भी 25 जुलाई से लागू हो जायेगा। मंदिर क्षेत्र में कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन भी कराया जायेगा। अपर पुलिस उपायुक्त यातायात के अनुसार सावन माह में मैदागिन से चौक होते हुये गोदौलिया की तरफ जाने वाले वाहनों को मैदागिन से आगे नही जाने दिया जायेगा। यह ट्रैफिक मैदागिन चौराहे से लहुराबीर, मलदहिया की ओर तथा लहुराबीर से बेनियाबाग की तरफ जा सकेगा। इसी तरह लक्सा की तरफ से आने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को लक्सा थाने से आगे नही जाने दिया जायेगा। यह ट्रैफिक गुरूबाग से कमच्छा की ओर तथा लक्सा से बेनिया की तरफ मोड़ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि



लहुराबीर से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को बेनिया तिराहे से आगे जाने नही दिया जायेगा । यह ट्रैफिक बेनियाबाग वाया औरंगाबाद पुलिस चौकी से लक्सा की तरफ मोड़ दिया जायेगा। इसी तरह अस्सी, सोनारपुरा से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार के वाहनों को सोनारपुरा चौराहे से आगे नहीं जाने दिया जायेगा। यह ट्रैफिक भेलूपुर थाने की तरफ मोड़ दिया जायेगा।



उन्होंने बताया कि भेलूपुर थाने से रेवड़ी तालाब होकर रामापुरा चौराहे की तरफ जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों को तीलभाण्डेश्वर से आगे नही जाने दिया जायेगा। इन वाहनों को अस्सी तथा भेलूपुर की तरफ मोड़ दिया जायेगा।



नो-व्हीकल जोन



मैदागिन से गोदौलिया होते हुए रामापुरा तथा इसी प्रकार रामापुरा, गोदौलिया से मैदागिन तक सम्पूर्ण मंदिर मार्ग श्रावण मास के प्रत्येक रविवार को रात्रि 08.00 बजे से मंगलवार को प्रातः 08.00 बजे तक नो-व्हेकिल जोन घोषित किया गया है। जिसके तहत मैदागिन से गोदौलिया, रामापुरा तक तथा रामापुरा से गोदौलिया हो कर मैदागिन तक किसी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन को नही जाने दिया जायेगा। यह मार्ग केवल पैदल यात्रियों के आने जाने हेतु मुक्त रखा जायेगा।